70 साल के हुए देश के प्रधानमंत्री, शून्य से शिखर तक का सफर तय करना नहीं था आसान
आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन है. वह 70 साल के हो गए हैं. उनका जन्म 17 सितंबर 1950 को हुआ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 70वें जन्मदिन पर देशभर के नेताओं और बड़ी शख्सियतों ने उन्हें जन्मदिन की बधाई दी है. उनकी पार्टी भारतीय जनता पार्टी इस मौके पर 14 सितंबर से 20 सिंतबर तक सेवा सप्ताह मना रही है. पीएम मोदी के जन्मदिन पर आज कई आयोजन होंगे. हालांकि पीएम मोदी ने बीजेपी और अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों से साफ कहा है कि उनका जन्मदिन सादगी से मनाया जाए. बीजेपी ने उनका जन्मदिन सेवा दिवस के रूप में मना रही है. बीजेपी इस मौके पर देश के हर राज्य में एक वर्चुअल रैली का आयोजन कर रही है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन पर कई राज्यों के राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों और अन्य नेताओं ने उन्हें शुभकामनाएं दी.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री को उनके जन्मदिन पर बधाई दी. अपने बधाई संदेश में उन्होंने कहा, ”प्रधानमंत्री मोदी के कुशल तथा दूरगामी सोच वाले नेतृत्व की बदौलत ही देश में छह वर्ष में बड़ा परिवर्तन हुआ है,लगभग सभी विकसित देश प्रधानमंत्री की कार्यशैली के मुरीद भी हो गए हैं. अपनी बेहद कुशल कार्यक्षमता के साथ देश के विकास को पटरी पर ला दिया.”
दरअसल, पीएम मोदी बचपन से ही देश सेवा करने का सपना देखते थे. शून्य से शिखर तक का सफर तय करना उनके लिए आसान नहीं था. संघर्ष के दौरान उन्होंने ना जाने कितने उतार-चढ़ाव देखे. ना जाने कितनी मुसीबतों का सामना किया. इसके लिए वह सेना में भी शामिल होना चाहते थे, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. उनके भाग्य में देश के प्रधानमंत्री का पद लिखा था तो वो सेना में भर्ती कैसे होते.
नरेंद्र मोदी का बचपन बेहद गरीबी में बीता था, इसलिए जीवन संघर्षों से भरा रहा. पूरा परिवार छोटे से एक मंजिला घर में रहता था. उनके पिता स्थानीय रेलवे स्टेशन पर एक चाय के स्टाल पर चाय बेचते थे. शुरुआती दिनों में पीएम नरेंद्र मोदी भी अपने पिता का हाथ बटाया करते थे. उनके स्कूल के साथी नरेंद्र मोदी को एक मेहनती छात्र बताते हैं और कहते हैं कि वह स्कूल के दिनों से ही बहस करने में माहिर थे. नरेंद्र मोदी का बचपन से ही संघ की ओर खासा लगाव था और गुजरात में RSS का मजबूत आधार भी था. वो 1967 में 17 साल की उम्र में अमहदाबाद पहुंचे और उसी साल उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सदस्यता ले ली थी. एक्टिव राजनीति में आने से पहले मोदी कई सालों तक RSS के प्रचारक रहे. वह 1988-89 में भारतीय जनता पार्टी की गुजरात ईकाई के महासचिव बनाए गए। नरेंद्र मोदी ने लाल कृष्ण आडवाणी की 1990 की सोमनाथ-अयोध्या रथ यात्रा के आयोजन में अहम भूमिका अदा की थी.
इसके बाद साल 1995 में उन्हें भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय सचिव और पांच राज्यों का पार्टी प्रभारी बनाया गया. इसके बाद 1998 में उन्हें महासचिव (संगठन) बनाया गया. इस पद पर वो अक्टूबर 2001 तक रहे, लेकिन 2001 में केशुभाई पटेल को मुख्यमंत्री पद से हटाने के बाद मोदी को गुजरात की कमान सौंपी दी गई थी. 2002 के विधानसभा चुनावों में पीएम मोदी ने जीत दर्ज की. इसके बाद 2007 के विधानसभा चुनावों में और फिर 2012 में भी नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी गुजरात विधानसभा चुनावों में जीती.
साल 2014 में नरेंद्र मोदी के चेहरे पर भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव लड़ा और यहीं से राष्ट्रीय राजनीति में ‘मोदी युग’ की शुरुआत हुई. नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आई. बीजेपी ने अकेले दम पर 282 सीटों पर जीत दर्ज की थी. नरेन्द्र मोदी ने 26 मई 2014 को भारत के 14वें प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली.