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अपने फायदे के लिए पटना क्रिकेट को गिरवी रखने वाले हमारे ऊपर कीचड़ न उछालें : सुनील रोहित

पटना, 23 अप्रैल:पटना जिला क्रिकेट संघ के सचिव सुनील रोहित ने वर्तमान में पटना जिला क्रिकेट संघ के सचिव राजेश कुमार के उस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया की जिसमें राजेश कुमार ने कहा था कि धरना देने वाले खिलाड़ियों के कैरियर से खिलवाड़ कर रहे हैं।

सुनील रोहित ने अपने बयान में कहा कि वर्तमान समय में पटना जिला में जो कमेटी क्रिकेट का संचालन कर रही है वह बिहार क्रिकेट संघ के अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी की कठपुतली बन गई है। इन सबों को यहां के न क्लबों की चिंता है और न खिलाड़ियों की। जहां तक खिलाड़ियों के कैरियर से खिलवाड़ करने का मामला है वह कौन कर रहा है सभी जानते हैं। अभी पटना जिला का क्रिकेट संचालन वन मैन शो हो गया है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान कमेटी में तीन ऐसे पदाधिकारी है जिन्हें पटना जिला का क्रिकेट जगत जानता तक नहीं है। पटना जिला की बात तो छोड़िए वर्तमान कमेटी में शामिल लोग ही उन्हें पूरी तरह नहीं जानते हैं। इसके कई साक्ष्य लोगों ने देखे हैं।

उन्होंने कहा कि वर्तमान कमेटी द्वारा कराई जा रही क्रिकेट गतिविधियों में दो लोगों का चेहरा दिखाई पड़ता है। दो तो छोड़िए अब एक ही दिखाई पड़ रहे हैं। इसका उदाहरण है पटना जिला सीनियर डिवीजन क्रिकेट लीग का उद्घाटन समारोह जिसमें केवल सचिव महोदय ही दिखाई पड़े। कहने का मतलब है कि लगता है अब इन दोनों में मतभेद हो गया है। मतभेद का कारण है कि पटना जिला सीनियर डिवीजन क्रिकेट लीग की खबरें अब समाचार पत्रों में दिखाई नहीं पड़ रही हैं।

सचिव सुनील रोहित ने कहा कि जो दूसरे पर असंवैधानिक होने का आरोप लगा रहे हैं वे खुद संवैधानिक नहीं है। हमारी कमेटी का चुनाव पूरी तरह संवैधानिक है। सारे निबंधित क्लबों ने उसमें हिस्सा लिया था जिसका पूरा प्रुफ है। इनका चुनाव कब हुआ, कहां हुआ पता नहीं। डायरेक्ट कमेटी निकल गई।

उन्होंने कहा कि जिला के चुनाव या अन्य गतिविधियों में बिहार क्रिकेट एसोसिएशन क्यों हस्तक्षेप करेगा। क्या बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के किसी गतिविधियों में बीसीसीआई हस्तक्षेप नहीं करती है तो वह हमारे यहां क्यों हस्तक्षेप करेगा। कुल मिला कर यही है कि जिला में सबकुछ ठीक रहते हुए भी बीसीए का प्रेसिडेंट रूल लग जा रहा है और वहां बीसीए अध्यक्ष अपने मन मुताबिक कमेटी बना रहे हैं यानी जिला संघ कठपुतली बन कर रह गया है।

सुनील रोहित ने कहा कि हम अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। हम अपना हक मांग रहे हैं तो दूसरों को क्यों मिर्ची लग रही है। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य खिलाड़ियों के कैरियर से खिलवाड़ करना नहीं है। आज तो हालात यह है कि वर्तमान कमेटी के पदाधिकारी के क्लब से जो खिलाड़ी नहीं खेलता है उसका परफॉरमेंस इग्नोर कर दिया जाता है जिसका उदाहरण पिछले वर्ष देखने को मिला। खिलाड़ी ने पाला बदला और वह जिला टीम में शामिल हो गया। यानी खिलाड़ियों का परफॉरमेंस मायने नहीं रखता है बल्कि किस क्लब से खेल रहे हैं वह मायने रखता है।
सुनील रोहित ने कहा कि हमने अन्याय के खिलाफ जंग छेड़ी है इसी जारी रखेंगे।

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