ख़बरपटनाबिहारराज्य

नगर विकास विभाग के तुगलकी आदेश का विरोध

पटना 14 जून– पटना नगर निगम संयुक्त कर्मचारी समन्वय समिति के अध्यक्ष चंद्र प्रकाश सिंह ने आज एक बयान जारी कर कहा कि नगर निकायों में 7वाँ वेतनमान नहीं देने, भुगतान हो रहा है,तो उसे बंद करने एवं भुगतान किए गए राशि की वसूली करने के लिए नगर विकास विभाग द्वारा जारी तुगलकी आदेश को सरकार यदि लागू करती है,तो पूरे राज्य में चल रहे स्वच्छता अभियान पर कालिख पोतने जैसी कार्रवाई होगी। नगर निकाय के कर्मियों को जब चौथा,पांचवां एवं छठा वेतनमान दिया जा सकता है,फिर सातवाँ वेतनमान नहीं देने का आदेश निकालने वाले अधिकारी क्या चाहते हैं कि पूरे राज्य के नगर निकाय के कर्मचारी हड़ताल पर चले जाएँ।

श्री सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि समन्वय समिति पहले से ही इस बात के लिए चिंतित है कि वर्षों से कार्यरत दैनिक मज़दूरों की सेवाओं को नियमित नहीं किया जा रहा है।साथ ही आउटसोर्स के माध्यम से कार्यरत मज़दूरों एवं चालकों को सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मज़दूरी एवं श्रम कानूनों के अंतर्गत देय सुविधाओं से भी उन्हें वंचित रखा जा रहा है।

श्री सिंह ने यह भी कहा कि इसके पहले भी पटना नगर निगम के कर्मियों को सरकारी कर्मियों के समतुल्य वेतनमान देने का आदेश सरकार द्वारा जारी किया जा चुका है॥बीच बीच में इस आदेश की अनदेखी कर निगम कर्मियों को प्रताड़ित करने एवं विभाग के अधिकारी अपनी दादागिरी क़ायम रखने के लिए भुगतान की गई राशि को निगम कर्मियों से वसूलने का धमकी दे रहे हैं । ज्ञात हो कि चार वर्ष पूर्व भी इसी तरह का आदेश नगर विकास विभाग ने निर्गत किया था।जबकि पटना नगर निगम के तत्कालीन नगर आयुक्त ने स्थिति को स्पष्ट करते हुए उल्लेख किया था कि निगम अपने संसाधनों से कर्मियों का भुगतान कर रहा है। इतना ही नहीं नगरपालिका अधिनियम की धारा 36 के विभिन्न भी उपधाराओं में भी स्पष्ट उल्लेख है कि नगर निकाय अपने कर्मियों का वेतन-भत्ता निर्धारित करने का अधिकारी है।

श्री सिंह ने यह भी बताया कि बिहार राज्य लोकल बॉडी संयुक्त कर्मचारी संघर्ष मोर्चा की ओर से 16 जून को बैठक बुलायी गई है। बैठक में दैनिक कर्मियों के सेवा का नियमितीकरण,नगर निकाय से आउटसोर्स प्रथा की समाप्ति एवं नगर निकायों के कर्मियों को सरकारी कर्मियों के समतुल्य वेतनमान आदि माँगो को लेकर विमर्श किया जाएगा एवं आवश्यकतानुसार पूरे राज्य में अनिश्चितकालीन हड़ताल की तैयारी पर गंभीरतापूर्वक विचार होगा।साथ ही सरकार के कर्मचारी विरोधी नीतियों के विरुद्ध आगे की रणनीति तय की जाएगी।