जयप्रभा मेदांता पटना में धूम्रपान व तंबाकू प्रयोग न करने को लेकर हस्ताक्षर अभियान का आयोजन
पटना : विश्व तंबाकू दिवस के अवसर पर जयप्रभा मेदांता पटना में धूम्रपान व तंबाकू प्रयोग न करने को लेकर हस्ताक्षर अभियान चलाकर तंबाकू सेवन न करने की शपथ दिलाई गई। इसके साथ एक हेल्थ टॉक का भी आयोजन किया गया जिसमे मेदांता पटना के वरिष्ठ विशेषज्ञों जैसे डॉ. राजीव रंजन प्रसाद, डॉ. अमरेंद्र अमर और डॉ. सरिता शर्मा ने लोगों को तंबाकू का सेवन न करने के प्रति जागरूक किया। इस मौके पर श्वास एवं छाती रोग विशेषज्ञ डॉ. साकेत शर्मा ने कहा कि 31 मई को दुनिया भर में हर साल विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य तंबाकू सेवन के व्यापक प्रसार और नकारात्मक स्वास्थ्य प्रभावों की ओर ध्यान आकर्षित करना है, जो वर्तमान में दुनिया भर में हर साल लाखों लोगो की मृत्यु होती है। डॉक्टर साकेत शर्मा ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के सदस्य राज्यों ने 1987 में विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया। राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम वर्ष 2007-08 में भारत के 21 राज्यों के 42 जिलों में पायलेट परियोजना के रूप में प्रारम्भ किया गया। इस दिन का उद्देश्य दुनिया भर में तम्बाकू उपयोगकर्ताओं से 24 घंटे के लिए तम्बाकू उत्पादों का उपयोग करने से परहेज करने का आग्रह करना था, उन्हें उम्मीद थी कि इस कार्रवाई से इसे छोड़ने की कोशिश करने वालों को सहायता मिलेगी। तंबाकू से होने वाली बीमारी को लेकर डॉक्टर साकेत शर्मा ने कहा कि धूम्रपान न करने वालों की तुलना में धूम्रपान करने वालों में हृदय रोग, स्ट्रोक और फेफड़ों का कैंसर होने की संभावना अधिक होती है। धूम्रपान के कारण समग्र स्वास्थ्य खराब हो जाता है, काम करने में मन नहीं लगता है। उन्होंने कहा कि सिगरेट पीने से आपकी जान जा सकती है, लेकिन मरने से पहले, आप धूम्रपान के कारण होने वाली कुछ बहुत ही भयानक बीमारियों और स्वास्थ्य स्थितियों का सामना कर सकते हैं।डॉ. साकेत ने अंत में कहा कि तंबाकू मुक्त जीवन का अर्थ है सभी प्रकार के तंबाकू उत्पादों – जिनमें सिगरेट, सिगार, धूम्ररहित तंबाकू, पाइप और हुक्का शामिल हैं के उपयोग से बचना तथा साथ ही अप्रत्यक्ष धूम्रपान से भी मुक्त रहना। यदि आप धूम्रपान करते हैं, तो अवांछित स्वास्थ्य परिणामों को रोकने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप तुरंत धूम्रपान छोड़ दें।