पुलिस गोलीबारी में मृत युवक के परिजनों को मुआवजा दे उप्र सरकार : कांग्रेस
नयी दिल्ली, 01 मार्च (भारत पोस्ट लाइव) कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश के रामपुर में पुलिस गोलीबारी में दलित युवक की मृत्यु पर गहरा शुक्रवार को शोक व्यक्त करते हुए घटना की कड़ी निंदा की और पीड़ित परिजनों को तत्काल आर्थिक मदद देने की मांग की है।
कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष राजेश लिलोठिया ने आज यहां जारी एक बयान में कहा कि उत्तर प्रदेश में रामपुर के सिलाइबारा गांव में एक पार्क में बाबासाहेब अम्बेडकर के बोर्ड की स्थापना करने के बीच पुलिस को दलितों पर गोलियां चलाने की अनुमति दी गई जिसमे दलित युवक सुमेश (17) की मृत्यु हो गई। छात्र दसवीं बोर्ड की परीक्षा देकर घर लौट रहा था तभी उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई।
उन्होंने कहा कि सुमेश की मृत्यु की परिस्थितियों को देखते हुए परिजन तथा स्थानीय लोग गहन जांच की मांग कर रहे हैं लेकिन पुलिस ने सबूत छुपाने के लिए कल सुमेश का अंतिम संस्कार कर दिया। उनका कहना था कि 2020 में हाथरस में दलित दुष्कर्म पीड़िता के साथ इसी तरह की कार्रवाई उत्तर प्रदेश पुलिस ने की थी।
उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार पर दलितों को सुरक्षा देने में विफल रहने का आरोप लगाया और कहा कि हाल ही में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो-एनसीआरबी के आंकड़ों से पता चलता है कि 2022 में देश में दलितों के खिलाफ अत्याचार, अपराध के कुल 57,428 मामले दर्ज किए गए जिनमे अकेले उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक 15,368 मामले दर्ज किए गए। यह देश में दलितों के ख़िलाफ़ कुल अत्याचारों का 28 प्रतिशत है। पहले हाथरस और अब रामपुर में जो कुछ हुआ उसके बावजूद राज्य में एससी और एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम को मजबूती से लागू करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया।
श्री लिलोठिया ने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विफलता करार दिया और कहा कि वह उत्तर प्रदेश में जिस डबल इंजन सरकार की बात करते हैं वहां दलितों के साथ न्याय नहीं हो रहा है। श्री मोदी के 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से दलितों के खिलाफ अत्याचार के 5,00,000 से अधिक मामले सामने आए हैं।अधिकांश मामलों में रिपोर्ट नहीं लिखी गई जिससे अनुमान लगाया जा सकता है कि दलितों पर अत्याचार के मामले इससे कई गुना अधिक हैं।
अभिनव,आशा
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