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कृषि, किसानों की सरकार की निगाह में विशेष जगह, उनकी समस्याओं के समाधान को प्राथमिकता: मुंडा

नयी दिल्ली, 28 फरवरी (वार्ता) केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्ववाली वर्तमान केंद्र सरकार की निगाह में देश के किसानों और कृषि का एक विशेष स्थान है और सरकार खेती-किसानी की समस्याओं के समाधान को प्राथमिकता देती है।
श्री मुंडा ने यहां देश में कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा के शीर्ष निकाय भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की 95वीं वर्षिक आम सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारत कृषि क्षेत्र में प्रगति के चलते आज 80 करोड़ लोगों को मुफ्त आनाज दे रही है। उन्होंने दलहन और तिलहन में मांग की तुलना में उत्पादन की अभी कमी की स्थिति की ओर संकेत करते हुए कहा कि भारत आने वाले समय में ऐसे उत्पादों के क्षेत्र में भी आत्म निर्भरता की ओर बढ़ेगा। श्री मुंडा ने कहा, “अन्य खाद्य खाद्य वस्तुओं के क्षेत्र में भी हम आने वाले समय में अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लक्ष्य की ओर बढ़ सकेंगे।’’ श्री मुंडा आईसीएआर के अध्यक्ष भी है।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार की ओर से कृषि एवं किसानों को एक प्रमुख वर्ग मान कर उनकी समस्याओं के समाधान को प्राथमिकता दी गयी है।” उन्होंने कहा कि आत्म निर्भर भारत के संकल्प को किसानों की आत्मनिर्भरता के साथ पूरा करने का संकल्प है।
कार्यक्रम में केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह, कृषि राज्य मंत्री एवं आईसीएआर के उपाध्यक्ष कैलाश चौधरी, आईसीएआर के महानिदेशक डॉ हिमांशु पाठक तथा उत्तर प्रदेश और नगालैंड के कृषि विभाग के मंत्रियों ने भी संबोधित किया।
कृषि मंत्री ने देश में कृषि एवं संबंधित व्यावसायों के विकास में आईसीएआर की भूमिका की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस संस्थान के योगदान से भारतीय कृषि क्षेत्र में बड़ी तरक्की की है। श्री मुंडा ने मत्स्य सम्पदा जैसे क्षेत्रों को बड़ी संभावनाओं के क्षेत्र बताया, लेकिन कहा कि जलवायु परिवर्तन, मृदा क्षरण और हरित-क्रांति के दौर में (रसायनों आदि के प्रयोग से) ‘जाने-अनजाने हुए दुष्प्रभावों’ को दूर करने की चुनौती है। कृषि मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री भी इन चुनौतियों का उल्लेख करते रहते हैं।
इसी संदर्भ में उन्होंने कहा, “हमारे सामने आज सावधानी बरतते हुए उत्पादन बढ़ाने की चुनौती है।” कृषि मंत्री ने कहा कि आईसीएआर इस दिशा में काम कर रह है और सरकार इस सम्मेलन में इस दिशा में आए सुझावों पर गौर करेगी तथा उस दिशा में काम करेगी।
इस अवसर पर उन्होंने धान और गेहूं की दो-दो नयी किस्मों सहित 22 फसलों की 24 नयी किस्मे तथा कुछ नयी प्रौद्योगिकी जारी की। इनमें मक्का, रागी, जूट, आलू, मटर, चौराई, टमाटर , सरसों खीरा आदि की नयी किस्में हैं जिन्हें आईसीआर के विभन्न संस्थानों के वैज्ञानिकों ने विकसित किए हैं।
आज जारी की गयी प्रौद्योगिकियों में ग्लूटेन मुक्त मिलेट आटा, भंडार में कृषि उपजों को कीटों से बचने के लिए ‘प्रदीप्त कीटदानी’ मछलियों की वृद्धि में सहायक नयी तकनीक और चावल पर आधारित सौंद्रर्य प्रसाधन सामग्री की तकनीक शामिल है।
मनोहर, उप्रेती
वार्ता