एक ऐसे मुख्यमंत्री जिन्होंने खुद का रिकॉर्ड तोड़ा, जानिए विस्तार से
दिलचस्प बात हैं कि नीतीश कुमार रिकॉर्ड नौंवी बार शपथ लेने जा रहें हैं। इसकी वजह क्या है ? आखिर देश में सबसे लंबे समय तक किसी राज्य की कमान संभालने वाले नेता इस रिकॉर्ड को कैसे नहीं बना पाए ?
एनडीए और महागठबंधन सरकार में मुख्यमंत्री रहे नीतीश कुमार ने रविवार को एक बार फिर एनडीए के सीएम के रूप में शपथ ली। 1985 में पहली बार विधायक बने नीतीश पहली बार साल 2000 में सात दिन के मुख्यमंत्री बने थे। पिछले 24 साल में अब तक वे कुल नौंवी बार सीएम पद की शपथ ले चुके हैं। यह अपने आप में एक बड़ा रिकॉर्ड है, पिछला रिकॉर्ड देखें तो देश में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले नेता भी इतनी बार शपथ नहीं ले पाए हैं।
आखिर नीतीश कुमार को रिकॉर्ड नौवीं बार शपथ लेने की वजह क्या है ? आखिर देश में सबसे लंबे समय तक किसी राज्य की कमान संभालने वाले नेता इस रिकॉर्ड को कैसे नहीं बना पाए ? आइये जानते हैं…
24 साल में नीतीश कुमार का नौवां शपथग्रहण कैसे ?
पहली बार 2000 में सिर्फ सात दिन के लिए सीएम बने नीतीश
नीतीश कुमार पहली बार साल 2000 में सीएम बने थे। हालांकि, बहुमत न जुटा पाने की वजह से उन्हें महज सात दिनों में पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद बिहार में 2005 में हुए चुनाव में नीतीश भाजपा के समर्थन से दूसरी बार मुख्यमंत्री पद पर काबिज हुए। 2010 में हुए विधानसभा चुनाव में एक बार फिर जनता ने नीतीश को ही सीएम बनाया।
साल 2014 में हार की जिम्मेदारी ले कर दिया था त्यागपत्र
लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ पार्टी के खराब प्रदर्शन की वजह से उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। इस दौरान उन्होंने जीतनराम मांझी को मुख्यमंत्री पद सौंपा। हालांकि, 2015 में जब पार्टी में अंदरुनी कलह शुरू हुई तो नीतीश ने मांझी को हटाकर एक बार फिर खुद सीएम पद ग्रहण किया।
महागठबंधन के साथ 2015 में दर्ज की जीत
2015 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन (जदयू, राजद, कांग्रेस और लेफ्ट गठबंधन) की एनडीए के खिलाफ जीत के बाद नीतीश कुमार एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री बने। यह कुल पांचवीं बार रहा, जब नीतीश ने सीएम पद की शपथ ली।
तेजस्वी पर लगे आरोप का बहाना बना कर 2017 में राजद छोड़ भाजपा के साथ आ गए
राजद और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद नीतीश कुमार ने महागठबंधन से अलग होने का फैसला किया। उन्होंने जुलाई 2017 में ही पद से इस्तीफा दिया और एक बार फिर एनडीए का दामन थाम कर सीएम पद संभाला।
साल 2020 में हुए चुनाव में कम सीटें, फिर भी बने सीएम
2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन ने जीत हासिल की। हालांकि, जदयू की सीटें भाजपा के मुकाबले काफी घट गईं। इसके बावजूद नीतीश कुमार ने सीएम पद की शपथ ली। हालांकि, भाजपा में में भी इनकी इस बार नहीं जमी और वे फिर से महागठबंधन में शामिल हो गए।
साल 2022 में महागठबंधन में लौटे, बने 8वीं बार सीएम
साल 2022 में एनडीए से अलग होने के एलान के ठीक बाद नीतीश कुमार ने राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन से जुड़ने का एलान कर दिया। इसी के साथ नीतीश कुमार ने आठवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लिया।
साल 2024 में महागठबंधन से मन उतर गया और फिर लौटे एनडीए में, बने 9वीं बार सीएम
साल 2024 में नीतीश कुमार का फिर से राजद से मोह भंग हो गया और अलग होकर एनडीए में शामिल होने की घोषणा कर दिया। रविवार को सीएम नीतीश कुमार ने 9वीं बार मुख्यमंत्री पद के शपथ लेकर अपने हीं रिकॉर्ड को तोड़ दिया।