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विश्वकर्मा समाज को राजनीतिक भागीदारी नहीं सत्ता चाहिए : मुकुल आनंद

समस्तीपुर : स्थानीय जननायक कर्पूरी सभागार में भारतीय विश्वकर्मा महासंघ की एक दिवसीय जिला सम्मेलन रविवार को संपन्न हुई। कार्यक्रम की अध्यक्षता महासंघ के पंडित दिनेश शर्मा तथा संचालन शिक्षाविद बाबू प्रसाद शर्मा ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ विश्वकर्मा समाज के इष्टदेव भगवान विश्वकर्मा के तैल्य चित्र पर पुष्प अर्पित कर दीप प्रज्वलन कर किया गया। आगत सभी अतिथियों का पाग, माला एवं अंगवस्त्रम से सम्मानित किया गया। भारतीय विश्वकर्मा महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकुल आनंद ने कहा कि आज विश्वकर्मा समाज के बुनियादी मुद्दों का समाधान करने की आवश्यकता है। विश्वकर्मा समाज के नौजवानों को अब नौकरी और रोजगार चाहिए। विश्वकर्मा समाज के युवा डॉक्टर, इंजीनियर और आईएएस बनना चाहते है। समाज के लोग जब तक एमपी, एमएलए नहीं बनेंगे तब तक विश्वकर्मा समाज की अधिकार का हनन होते रहेगा। सरकार में भागीदारी से ही समाज का विकास का रास्ता खुलता है। उन्होंने कहा कि जिसकी 2 प्रतिशत आबादी है उन्हें सत्ता में आजादी से लेकर अब तक सम्मान मिल रहा है।

जबकि हम विश्वकर्मा समाज किसी का भेदभाव नहीं करते है, सबका सम्मान करते है और विश्वकर्मा समाज की आबादी 10 से 12 प्रतिशत है फिर भी सत्ता में हमे जगह नहीं मिल रहा है। अब विश्वकर्मा समाज इस अपमान को बर्दाश्त नहीं करेगी। राजनीतिक भागीदारी नहीं अब सत्ता का संघर्ष होगा। डॉ. शैलेंद्र कुमार प्रजापति ने विश्वकर्मा समाज पर प्रकाश डालते हुए कहा की विश्वकर्मा समाज का सामाजिक ढांचे का निर्माण में अहम भूमिका शुरू से रहा है। हमारा समाज तकनीक में अव्वल रहा है। हम सब के लिए प्रयोग होते है फिर भी आजादी से अब तक हम उपेक्षित है। अब हम उपेक्षित नही रह सकते है।अब आर पार की लड़ाई होगी। हमें केवल जागृत होने की जरूरत है। जरूरत है केवल आत्मविश्वास की जो व्यक्ति की कामयाबी का सबसे बड़ा सहयोगी होता है।विश्वकर्मा वंशजों की है साजिश के तहत शोषण किया जा रहा है क्योंकि शासन में बैठे लोग हमारे समाज को कमजोर समझते है इस मानसिकता को दूर करने के लिए भारतीय विश्वकर्मा महासंघ के बैनर तले संगठित ढांचा तैयार कर बृहत आंदोलन करेंगे।

शिव प्रसाद कसेरा विश्वकर्मा समाज की सामाजिक और राजनीतिक ताकत बनाने का जो प्रयास कर रहे है उसी का नतीजा है कि लोग विश्वकर्मा की चर्चा दिल्ली में कर रहे हैं और अपने पार्टियों में तवज्जो एवं सम्मान देने लगे। राष्ट्रीय प्रवक्ता दिवाकर शर्मा ने कहा विश्वकर्मा समाज आजादी से अब तक सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक, सांस्कृतिक एवं राजनीतिक हर क्षेत्र में उपेक्षित है। एक संगठित समाज ही परिवर्तन और विकास का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। जिला अध्यक्ष गौरव शर्मा ने कहा अब हम विश्वकर्मा समाज उपेक्षा का शिकार नहीं होंगे। हम अपने नेता मुकुल आनंद के नेतृत्व में आर पार की लड़ाई के साक्षी बनेंगे।

मौके पर सुजाता शर्मा, रिंकू विश्वकर्मा, बेबी चंकी, प्रो. रत्नेश शर्मा, प्रो. बी के शर्मा, डॉ. सुधीर शर्मा, वरीय प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. चंद्र प्रकाश शर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष मंटू शर्मा, जिला परिषद अमरनाथ शर्मा, खगड़िया जिला अध्यक्ष मुनिरंजन शर्मा, डॉ. रोहित शर्मा, जिला सचिव विनोद शर्मा, सेवानिवृत्त प्राचार्य प्रियदर्शी, जयंत शर्मा, प्रदेश संगठन सचिव भिखारी शर्माए बेगूसराय जिला अध्यक्ष अशोक शर्मा, अजीत शर्मा, समाजशास्त्री डॉ. जितेंद्र शर्मा, पूर्व जिला परिषद प्रत्याशी रामप्यारी देवी, साहित्यकार सौरभ वाचस्पति, प्रदेश सचिव उमेश शर्मा, जिला महासचिव कृष्णा, भोजपुर जिला अध्यक्ष अमीरचंद शर्मा, युवा नेता राहुल शर्मा, सुपौल जिला अध्यक्ष संजय कुमार शर्मा आदि ने सभा को संबोधित किया। सभा में हजारों की संख्या में लोग उपस्थित थे।