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व्यक्ति विशेष- अद्भुत प्रतिभा के धनी हैं बिहार के ये रत्न, अपनी प्रतिभा से बढ़ायेंगे बिहार और देश का मान

बिहार में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है. जरुरत है इस प्रतिभा को दिशा देने की. आज हम बात कर रहे हैं बिहार के रत्न राहुल रत्न की. राहुल रत्न की प्रतिभा उसे स्वतः रत्न बनाती है. हालाँकि बिहार के एक रत्न के रूप में अपने आप को स्थापित कर पाते हैं या नहीं यह तो आने वाला वक्त बताएगा, लेकिन वह अपने अभी के प्रदर्शन के बल पर अपनी टीम के रत्न जरूर हैं.

ऑलराउंडर खिलाडी हैं राहुल

15 वर्षीय राहुल रत्न ऑलराउंडर खिलाड़ी हैं. दायें हाथ के बल्लेबाज तथा दायें हाथ के मीडियम पेस गेंदबाज राहुल ने अपने प्रदर्शन के बल पर सभी का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट किया है. हाल हीं में चंडीगढ़ में आयोजित अंडर 17 क्रिकेट प्रतियोगिता में फाइनल में जब नेपाल के खिलाफ खिलाड़ी 45 रनों पर आउट हो गए थे, तब राहुल ने अपने तूफानी अंदाज में 27 गेंदों में 54 रन की नाबाद पारी बनाकर अपनी टीम को सम्मानजनक स्कोर पर पहुंचाया. इतना हीं नहीं जब विकेट की जरूरत थी तब 6 रन देकर के तीन विकेट लेकर ज्ञान गंगा पटना को खिताब से नवाजा. इस प्रतियोगिता में मैन ऑफ द मैच और मैन ऑफ द सीरीज का पुरस्कार प्राप्त किया.

एसजीएफआई अंडर-17 में बिहार का प्रतिनिधित्व किया

इससे पहले भी राहुल एसजीएफआई अंडर-17 में बिहार का प्रतिनिधित्व भी किया तथा अंडर-17 हैदराबाद चेन्नई में आयोजित अंडर-19 में शानदार प्रदर्शन कर के भविष्य के लिए अच्छे संकेत दिए हैं. पिछले दिनों जहानाबाद में शानदार प्रदर्शन कर सभी का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट किया है.

सी के नायडू अंडर-19 टीम में भी पटना का प्रतिनिधित्व किया

उन्होंने पटना में सी के नायडू अंडर-19 टीम में भी पटना का प्रतिनिधित्व किया है. राहुल पटना जिला क्रिकेट लीग सीनियर डिवीजन में राजवंशी नगर के क्रिकेट क्लब के कप्तान के रूप में शुरू हुए लीग में तीन मैचों में 8 विकेट प्राप्त किए. वे पटना में बिहार रणजी खिलाड़ी इंद्रजीत कुमार तथा टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से प्रेरित होकर राजवंशी नगर में अपने घर पर ही अपने अभ्यास के लिए पिच का भी निर्माण कराया है. जिसमें उनके पिता राम सुरेश राय मां रत्नाकुमारी और बीसीसीआई लेवल 1 कोच पंकज मिश्रा की भूमिका रही.

कोच पंकज मिश्रा का कहना है के बिहार में क्रिकेट अब ट्रैक पर है ऐसे में राहुल अगर इसी तरह से मेहनत करते रहे तो मुझे उम्मीद है कि आने वाले दिनों में यह लंबी रेस का घोड़ा तथा एक रत्न के रूप में अपने आप को बिहार तथा भारत में स्थापित करेंगे.