बिहार में फिल्म उद्योग और व्यापार के क्षेत्र में उभरते उद्योगी एन मंडल
बॉलीवुड के युवा फिल्म एडिटर और निर्देशक एन मंडल (नरेश कुमार मंडल) का जन्म 13 अप्रैल 1986 को बिहार राज्य अंतर्गत समस्तीपुर जिला के बन्दा दसौत गाँव मे हुआ इनकी प्रारम्भिक शिक्षा भी गाँव के ही स्कूल में हुई । फिल्मों के प्रति इनका लगाव इतना ज्यादा था कि 10+2 के बाद पढ़ाई छोड़ सीधा मुम्बई आ गए और छोटे बड़े पदों पर भारतीय फ़िल्म इंडस्ट्रीज़ में काम करते हुए अपनी एक अलग पहचान बनाई.
एन मंडल आज एक सफल फ़िल्म निर्देशक, एडिटर और प्रोड्यूसर हैं, शिवाय प्रोडक्शन प्राइवेट लिमिटेड, साइनसिने फिल्म फेस्टिवल, मिथिभोग, मिथिभोज, गाम घर न्यूज़ के संस्थापक और निदेशक हैं.
एन मंडल भारत के विभिन्न सामाजिक गतिविधियों के लिए भी जाने जाते हैं, एन मंडल परेश रावल की प्रोडक्शन प्ले टाइम क्रिएशन में कई प्रोजेक्ट किये हैं, एन मंडल ने अभिनेता / निर्देशक के रूप में क्षेत्रीय मैथिली फीचर फिल्म ‘राखी के लाज’ में योगदान दिया है। उन्होंने कई टीवी शो में भी पोस्ट प्रोडक्शन किया जैसे कि तीन बहुरानिया, जीवन साथी, लागी तुझसे लगन, आदि…
एन मंडल बिहार और दक्षिण भारत में संस्कृति लाने के लिए अपने कौशल का योगदान दिया। उन्होंने छठ पूजा और केरल अनुष्ठानों के आधार पर कई लघु फिल्में और वृत्तचित्र बनाए हैं, इन सभी रचनाओं ने एन मंडल को सुर्खियों में ले आया है और उन्हें एक सक्रिय सामाजिक योगदानकर्ता के रूप में जाना जाता है.
एन मंडल को बेस्ट डायरेक्टर, बेस्ट फ़िल्म के लिए कई नेशनल और इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में अवार्ड से नवाजा गया, साथ ही “ग्लोबल गांधी पीस अवॉर्ड”, “मिथिला विभूति” सम्मान, मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश “विशिष्ट अतिथि सम्मान” नेहरू युवा केंद्र भारत सरकार का उपक्रम में “विशिष्ट अतिथि सम्मान” से सम्मानित किया गया. एन मंडल की निर्देशित मैथिली फ़िल्म ” राखी के लाज’” की चर्चा “मैथिली सिनेमाक इतिहास” इस किताब में की गई है.
सामाजिक संदेशों पर बनी एक लघु फिल्म मुक्ति अभिशाप से, नई राहें, जल ही जीवन है ने बहुत प्रशंसा अर्जित की और यह अवधारणा दर्शकों को छू गई. एन मंडल एक उल्लेखनीय व्यक्तिगत ब्रांड, फिल्म उद्योग में क्रांति ला रहे है और बिहार में फिल्म के क्षेत्र में अंतर्राष्टीत्य ‘’साइनसिने फिल्म फेस्टिवल’’ कर बिहार में आर्ट एंड कल्चर को बढ़ावा दे रहे है.
एन मंडल पारंपरिक अचार और मोरिंगा पाउडर का उत्पादन करके ‘’मिथिभोग’’ के माध्यम से मिथिला बिहार में रोजगार को भी बढ़ावा दे रहे है, वर्तमान में एन मंडल हिंदी फीचर फिल्मों पर काम कर रहे हैं और एक यूट्यूब चैनल ” मिथिभोज” (ओटीटी प्लेटफॉर्म) विकसित कर रहे है.
आज लोग पैसे के पीछे भागने में इतना व्यस्त हैं कि इस तरह के सामाजिक कार्यों के लिए कुछ करना तो दूर सोचते भी नहीं है लेकिन एन मंडल ने समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझा और एक कलाकार होने के नाते अपने काम को बख़ूबी अंजाम दे रहे है, एन मंडल भविष्य में अपनी कई रचनाओं द्वारा समाज के लिए अच्छा करने के लिए खुद के लिए अपनी मजबूत प्रतिबद्धता है.