सशक्तिकरण का एक नया मॉडल : कार्ड से साहूकारी प्रथा पर नियंत्रण
सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) के विशाल नेटवर्क ने ग्रामीण इलाकों में लोगों की छोटी – छोटी आर्थिक ज़रूरतों को पूरा करने और उन्हें साहुकारों के चंगुल से छुड़ाने और ग्रामीण भारत के चेहरे पर मुस्कान लाने की मुहीम शुरू की है। इसके लिए सीएससी सेंटर, पंजाब नेशनल बैंक और पतंजलि समूह के क्रेडिट कार्ड को लोगों तक पहुंचा रही है।
हालाँकि जन – धन योजना जैसी कई सरकारी योजनाओं ने वित्तीय सेवाओं को आम जन तक पहुंचाया है, जिससे आज 80 फीसदी से अधिक लोगों के पास बैंक खाते हैं। इसके बावजूद बहुत से लोग अभी भी साहूकारों और अनौपचारिक वित्तीय प्रणाली पर निर्भर हैं। ये तरीके अक्सर वित्तीय संकट को बढ़ाते हैं और आमजन को गरीबी के दुष्चक्र की तरफ धकेलते हैं। ये कार्ड गरीबों को औपचारिक वित्तीय प्रणाली के अंदर लाने की एक पहल है।
दरअसल क्रेडिट कार्ड, शहरी और समृद्ध लोगों की ज़रूरतों के हिसाब से बनाई गयी थी। ताकि उन्हें कैश लेकर चलना न पड़े। इस वर्ग के लिए क्रेडिट कार्ड ज़रूरत नहीं सुविधा का साधन है। जबकि ग्रामीण इलाकों में ये लोगों की ज़रूरत है। लोगों को शादी – ब्याह, जन्म- मरण, जनेऊ – मुंडन, छोटी छोटी खुशियां या त्योहार आदि मनाने के लिए अक्सर पैसे की ज़रूरत पड़ती रहती है। पैसे की कमी से ज़्यादा उनकी समस्या समय पर पैसे न होने की है। उनकी ज़रूरतें छोटी हैं लेकिन समय पर पैसे न मिलने पर अक्सर स्थानीय सूदखोरों के जाल में फंस जाते हैं और कभी – कभी तो पूरे परिवार को बंधुआ मज़दूरी करनी पड़ती है।
दूर-दराज गांवों के लोगों के लिए खास तौर पर बनाए गए पीएनबी – पतंजलि को-ब्रांडेड रूपे क्रेडिट कार्ड की मार्केटिंग सीएससी कर रही है। सीएससी ने पतंजलि के साथ एक साझेदारी की है जिसका उद्देश्य देश भर में कम आय वाले ग्रामीणों की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए एक खास क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराना है।
ये रुपे क्रेडिट कार्ड दो प्रकार के हैं- प्लेटिनम और सिलेक्ट। ये क्रेडिट कार्ड बीस हज़ार रुपये मासिक आय वाले या ढाई लाख रु. का इनकम टैक्स रिटर्न भरने वाले सेल्फ एम्प्लॉयड लोगों के लिए उपलब्ध हैं। प्लेटिनम कार्ड की क्रेडिट लिमिट पच्चीस हज़ार रुपये से 5 लाख रुपये के बीच है। जबकि सेलेक्ट कार्ड की क्रेडिट लिमिट पचास हज़ार से 10 लाख रुपये के बीच है। कुछ दिनों बाद क्रेडिट कार्ड धारक सीएससी केंद्रों पर भुगतान भी जमा करा सकेंगे। इसके लिए पतंजलि और पीएनबी के साथ बातचीत चल रही है।
सिर्फ फायदा ही फायदा
इस क्रेडिट कार्ड के ज़रिये ग्रामीण भारत में लगभग एक हज़ार करोड़ रुपये बांटे जा चुके हैं। कार्ड में लगे एक छोटे से चिप की मदद से गांव में कमज़ोर तबकों के पैसे की ज़रूरत पूरी हो रही है। गरीब और कम आय वर्ग के लोगों के लिए यह बहुत उपयोगी है। स्वदेशी रुपे क्रेडिट कार्ड की खास विशेषता कम ब्याज दर के साथ INSTA ईएमआई की सुविधा है, वह भी कार्ड के उपयोग के 50 दिनों के बाद देना पड़ेगा पतंजलि रुपे क्रेडिट कार्ड के माध्यम से कार्डधारक को एक निश्चित समय सीमा तक निःशुल्क क्रेडिट सुविधा मिल सकती है। बड़े लेन-देन के मामले में कार्डधारक इंस्टा-ईएमआई का विकल्प चुन सकता है, जिसे वह ब्याज मुक्त ग्रेस पीरियड के बाद भी 12% के इंटरेस्ट पर आसानी से वापस कर सकता है।
इस क्रेडिट कार्ड के ज़रिये सीएससी अपने वीएलई के माध्यम से सरकार की महत्वाकांक्षी डिजिटल इंडिया परियोजना के तहत फाइनेंसियल इन्क्लूज़न के लक्ष्य को भी साधने की कोशिश कर रही है।
पतंजलि योगपीठ के अध्यक्ष आचार्य बालकृष्ण के अनुसार “पतंजलि परिवार सीएससी का आभारी है कि वह ग्रामीण इलाकों में पतंजलि – पीएनबी रुपे क्रेडिट कार्ड के बारे में जागरूकता बढ़ाने में मदद कर रहा है। सीएससी के विशाल नेटवर्क के माध्यम से अब पतंजलि के लाभार्थियों को क्रेडिट सुविधाओं, दुर्घटना बीमा, लेनदेन पर कैश बैक जैसे कई लाभ मिल रहे हैं। सीएससी के साथ हमारा ये सम्बन्ध प्रत्येक कार्डधारकों तक पतंजलि समूह के स्वदेशी उत्पादों को रियायती मूल्य पर उपलब्ध कराने के हमारे उद्देश्य को भी सफल बनाएगा।”
वेल्थ के साथ हेल्थ भी
कार्ड धारकों को पतंजलि समूह की दवाओं और स्वास्थ्य उत्पादों पर 2 फीसदी का कैशबैक उपलब्ध है मिलेगा। इसकी मदद से स्वदेशी समृद्धि कार्ड के रिचार्ज पर 9 फीसदी का कैशबैक उपलब्ध है। प्लेटिनम और सिलेक्ट दोनों कार्ड धारकों की दुर्घटना में मृत्यु या पूर्ण विकलांगता की स्थिति में क्रमश: दो लाख और 10 लाख रु. मिलेंगे।
संजय राकेश, एमडी और सीईओ, सीएससी – एसपीवी ने कहा, “ आपात स्थिति में तत्काल नकदी की जरूरत होने पर निम्न आय वर्ग के लोगों को अक्सर पैसे की दिक्कत का सामना करना पड़ता है और उन्हें महाजनों या सूदखोरों के पास जाना पड़ता है। ग्रामीण नागरिकों को इस स्थिति से बचाने के लिए ही सीएससी ने पतंजलि और पंजाब नेशनल बैंक के साथ साझेदारी की है। इससे उन नागरिकों को भी क्रेडिट कार्ड की सुविधा मिल सकेगी जिनके पास किन्हीं वजहों से नियमित क्रेडिट कार्ड के लिए अर्हता नहीं होती है। ”