मंत्री आलोक मेहता ने किया फिटल मेडिसिन एवं एम्युनोथैरेपी डिपार्टमेंट का उद्घाटन
पटना। निःसंतानता के उपचार के क्षेत्र में सबसे बड़ी फर्टिलिटी चैन इन्दिरा आईवीएफ का 12वां स्थापना दिवस पटना सेंटर में धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर यहां फिटल मेडिसिन एवं एम्युनोथैरेपी डिपार्टमेंट का शुभारंभ किया गया, इन्दिरा आईवीएफ का इस्ट इण्डिया में डिपार्टमेंट वाला पहला केन्द्र पटना बन गया है। मुख्य उद्घाटनकर्ता राजस्व, भूमि सुधार एवं गन्ना उद्योग मंत्री आलोक कुमार मेहता, मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री श्याम रजक, विशिष्ट अतिथि रोसड़ा विधायक बीरेन्द्र पासवान और अपोलो डेंटल क्लिनिक समस्तीपुर के डायरेक्टर ज्ञानेन्द्र कुमार ने फिता काट कर डिपार्टमेंट का उद्घाटन किया। इस मौके पर सेंटर हेड डॉ. दयानिधि शर्मा, डॉ. अनूजा सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया। फिटल मेडिसिन गर्भस्थ शिशु की जैनेटिक जांच तथा एम्युनोथैरेपी बार-बार गर्भपात की स्थिति में लाभदायक हो सकते हैं।
मंत्री आलोक कुमार मेहता ने इन्दिरा आईवीएफ को बधाई देते हुए कहा कि रियायती में दरों में निःसंतान दम्पतियां को सफल उपचार मुहैया करवाने का नेक कार्य किया है। बिहार में निःसंतानता से प्रभावित दम्पतियों की संख्या काफी अधिक है, विभिन्न शहरों में इन्दिरा आईवीएफ के केन्द्र होने से दम्पतियों को अपने आसपास उपचार मिल रहा है।
पूर्व मंत्री श्याम रजक ने कहा कि पुरूष निःसंतानता के प्रति लोगों को जागरूक करने से शुरू हुई इन्दिरा आईवीएफ की कोशिश आज देशभर के निःसंतान दम्पतियों को संतान सुख देने के लिए इलाज उपलब्ध करवा रही है। विधायक बीरेन्द्र पासवान ने स्थापना दिवस और कम ही समय में सवा लाख सफल आईवीएफ प्रोसिजर पूरे करने पर बधाई दी । डॉ ज्ञानेन्द्र कुमार ने निःसंतानता की स्थिति में उपचार अपनाने पर जोर दिया।
सेंटर हेड दयानिधि शर्मा ने बताया कि इन्दिरा आईवीएफ देश की सबसे बड़ी निःसंतानता उपचार प्रजनन श्रृंखला है। ग्रुप के देशभर में 116 केन्द्र हैं जहां पर दम्पतियों की समस्या के अनुरूप उच्च स्तरीय उपचार प्रदान किया जाता हैं। पूरे देश में इन्दिरा आईवीएफ का स्थापना दिवस तथा एक लाख पच्चीस हजार सफल आईवीएफ प्रोसिजर पूरे होने का जष्न मनाया जा रहा है। इस अवसर पर यहां पर दम्पतियों को पौधे वितरित किये गये। डॉ. अनुजा सिंह ने बताया कि इम्युनोथैरेपी के माध्यम से बार-बार गर्भपात वाली महिलाओं को राहत मिल सकती है। इसमें महिला के ब्लड का सेम्पल लेकर ये देखा जाता है कि कहीं भ्रूण को शरीर के सेल्स ही तो खराब नहीं कर रहे हैं। इसमें महिला के पति का ब्लड वॉश करके लिम्फोसाइट निकालकर महिला के रक्त में इंजेक्शन के माध्यम से इंजेक्ट किया जाता है। कार्यक्रम में डॉ. सुनीता कुमारी, डॉ. रीना रानी, डॉ. मोक्षा जैन, डॉ. भूमिजा सिंह, डॉ. रितिका प्रकाश ने अपने विचार रखे। संचालन डॉ. अनुजा सिंह और स्मिता कुमारी ने किया।