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महादेवी वर्मा की जयंती पर हिंदी कार्यशाला का आयोजन

पटना। पूर्व मध्य रेल मुख्यालय में महादेवी वर्मा की जयंती के उपलक्ष्य में राजभाषा विभाग द्वारा विचार गोष्ठी सह हिंदी कार्यशाला का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ संजय पंकज ने महादेवी वर्मा के जीवन एवं उनकी रचनाओं पर विस्तार से अपने विचारों को साझा किया। उनका कहना था कि महादेवी वर्मा आधुनिक हिन्दी की सबसे सशक्त कवयित्रियों में से एक होने के कारण उन्हें आधुनिक मीरा के नाम से भी जाना जाता है। कवि निराला ने उन्हें हिन्दी के विशाल मन्दिर की सरस्वती भी कहा है। महादेवी ने स्वतन्त्रता के पहले का भारत भी देखा और उसके बाद का भी। वे उन कवियों में से एक हैं जिन्होंने व्यापक समाज में काम करते हुए भारत के भीतर विद्यमान हाहाकार, रुदन को देखा, परखा और करुण होकर अंधकार को दूर करने वाली दृष्टि देने की कोशिश की।

इसके लिए उन्होंने अपने समय के अनुकूल संस्कृत और बांग्ला के कोमल शब्दों को चुनकर हिन्दी का जामा पहनाया। इस अवसर पर उपस्थित विभिन्न विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों ने भी अपने अपने विचार रखें।

श्वेता