केंद्र सरकार ने पीएम मित्र मेगा टेक्सटाइल पार्क की दी मंजूरी, जानें किन राज्यों में बनेंगे टेक्सटाइल पार्क
केंद्र सरकार ने टेक्सटाइल उद्योग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से देश के सात राज्यों में पीएम मित्र मेगा टेक्सटाइल पार्क की मंजूरी दे दी है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि पीएम मित्र मेगा टेक्सटाइल पार्क 5F (फार्म टू फाइबर टू फैक्ट्री टू फैशन टू फैशन टू फॉरेन) विजन के अनुरूप कपड़ा क्षेत्र को बढ़ावा देगा। इसके अलावा उन्होंने कहा कि यह कदम टेक्सटाइल क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा प्रदान करेगा, करोड़ों का निवेश आकर्षित करेगा और लाखों नौकरियां पैदा करेगा।
PM MITRA mega textile parks will boost the textiles sector in line with 5F (Farm to Fibre to Factory to Fashion to Foreign) vision. Glad to share that PM MITRA mega textile parks would be set up in Tamil Nadu, Telangana, Karnataka, Maharashtra, Gujarat, MP and UP.
— Narendra Modi (@narendramodi) March 17, 2023
जानें किन राज्यों में बनेगा टेक्सटाइल पार्क
आपको बता दें कि तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, एमपी और यूपी पीएम मित्रा मेगा टेक्सटाइल पार्क विकसित किए जाएंगे। इसके साथ ही इस योजना को अगले पांच सालों में पूरा किया जाएगा जिसमें कुल मिलाकर 4,445 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। वहीं इस योजना से 7 लाख लोगों को प्रत्यक्ष और 14 लाख को परोक्ष रूप से रोजगार सृजित होने की उम्मीद है।
कपड़ा निर्यात में भारत बनेगा विश्व चैम्पियन
पीएम मित्र मेगा टेक्सटाइल पार्क के माध्यम से घरेलू निर्माताओं को अंतर्राष्ट्रीय कपड़ा बाजार में समान मौके मिलेंगे और इससे भारत कपड़ा निर्यात में सभी क्षेत्रों में विश्व चैम्पियन बनने के मार्ग पर आगे बढ़ेगा। आज हमारे देश का टेक्सटाइल उद्योग निर्यात में बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। पिछले साल के मुकाबले इस क्षेत्र में 41 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
भारत दुनिया में कपड़ों का छठा सबसे बड़ा निर्यातक
आपको बता दें कि वर्तमान में भारत दुनिया में कपड़ों का छठा सबसे बड़ा निर्यातक है। केंद्र सरकार के प्रयासों के चलते देश में बढ़-चढ़ कर कपड़ों का उत्पादन किया जा रहा है। पहले अप्रैल-जून 2013-14 में भारत से 8638 करोड़ रुपये के कपड़े का निर्यात किया गया था वहीं 2022-23 में 17204 करोड़ रुपये का निर्यात हुआ है। वर्तमान में हैंडलूम जैसे उद्योग आज लाखों ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के लोगों के लिए रोजगार का सबसे बड़ा स्रोत बने हुए हैं।