संयुक्त रूप से काम करेंगी तीनों सेनाएं, केंद्र सरकार की पहल
केंद्र सरकार देश की सुरक्षा प्रणाली को लगातार सुदृढ़ करने पर विशेष ध्यान दे रही है। इसके मद्देनजर रक्षा मंत्रालय ने तीनों सेनाओं को संयुक्त रूप से मजबूत बनाने के लिए बुधवार को लोकसभा में एक विधेयक पेश किया है। यह विधेयक पास होने के बाद तीनों सेनाओं के कमांडरों को उनके अधीन काम करने वाले तीनों सशस्त्र बलों के सभी कर्मियों पर अनुशासनात्मक अधिकार देगा। रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने इसे संसद में ऐसे समय में पेश किया गया है, जब रक्षा मंत्रालय बदलते सुरक्षा माहौल में खतरों से निपटने के लिए थिएटर कमांड के निर्माण पर काम कर रहा है।
रक्षा राज्य मंत्री ने लोकसभा में बिल किया पेश
तीनों सेनाओं को संयुक्त रूप से मजबूत बनाने के लिए लोकसभा में रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने बुधवार को लोकसभा में बिल पेश किया। विधेयक के जरिये किसी भी सेवा अधिनियम के अधीन कमांडर-इन-चीफ या कमांड-इन-कमांड को रखा जा सकता है। इसे संसद में ऐसे समय में पेश किया गया है, जब रक्षा मंत्रालय बदलते सुरक्षा माहौल में खतरों से निपटने के लिए थिएटर कमांड के निर्माण पर काम कर रहा है। इस दिशा में काम करने के लिए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद सृजित किया गया है। तीनों सेनाओं में फिलहाल अनुशासन बनाए रखने के लिए वायु सेना अधिनियम-1950, सेना अधिनियम-1950 और नौसेना अधिनियम-1957 लागू हैं, जो संबंधित मामलों के लिए उनकी कमान के अधीन या उनसे जुड़े हुए हैं।
थिएटर कमांड को दिया जा रहा अंतिम रूप
दरअसल, तीनों सेनाओं को संयुक्त रूप से मजबूत करने के लिए आधुनिकीकरण और पुनर्गठन करके थिएटर कमांड बनाने की प्रक्रिया को अब अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसी के मद्देनजर रक्षा मंत्रालय ने लोकसभा में एक विधेयक पेश किया है, जिसमें तीनों सेनाओं के कमांडरों को उनके अधीन काम करने वाले तीनों सशस्त्र बलों के सभी कर्मियों पर अनुशासनात्मक अधिकार दिए गए हैं। इसे ‘इंटर-सर्विसेज ऑर्गेनाइजेशन (कमांड, कंट्रोल एंड डिसिप्लिन) बिल, 2023 का नाम दिया गया है। विधेयक में कहा गया है कि केंद्र सरकार एक अधिसूचना के जरिये ‘इंटर सर्विसेज ऑर्गनाइजेशन’ का गठन कर सकती है। इसमें वह संयुक्त सेवा कमांड शामिल हो सकती है, जिसमें यूनिट या सेवा कर्मी शामिल हैं।
सेनाओं के बीच बढ़ेगा आपसी संचालन
लोकसभा में पेश विधेयक में यह भी कहा गया है कि किसी अंतर-सेवा संगठन का कमांडर-इन-चीफ या ऑफिसर-इन-कमांड अंतर सेवा संगठन का प्रमुख होगा। इसलिए उसके अधीन कार्य करने वाले कर्मियों पर पूर्ण नियंत्रण होगा। बिल के उद्देश्यों के विवरण में कहा गया है कि इंटर-सर्विसेज ऑर्गनाइजेशन के कमांडर-इन-चीफ और ऑफिसर-इन-कमांड को अधिकार देने की आवश्यकता है कि वे अपने कमांड के अधीन या संलग्न सेवा कर्मियों पर रखरखाव के लिए नियंत्रण का इस्तेमाल कर सकें। यह बिल एक सक्षम कानून है, जो अंतर-सेवा संगठनों के प्रमुखों को सभी कर्मियों पर प्रभावी कमांड, नियंत्रण और अनुशासन का प्रयोग करने का अधिकार देता है। विधेयक के पास होने पर संयुक्त बल कमांडरों को अनुशासनात्मक अधिकार मिलेंगे।