कैसा रहेगा वर्ष 2023-24 का बजट, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कही ये बातें
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत का अगला वार्षिक बजट बहुत ही ध्यान से कुछ इस प्रकार बनाना होगा, जिससे कि देश की वृद्धि की रफ्तार कायम रहे। आपको बात दें केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इन दिनों अपनी छह दिवसीय अमेरिका की यात्रा पर है।
वाशिंगटन डीसी के प्रतिष्ठित ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूट में अर्थशास्त्री ईश्वर प्रसाद से संवाद के दौरान एक सवाल के जवाब में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत का अगला वार्षिक बजट इस तरह बनयेंगे, जिससे कि देश की आर्थिक वृद्धि की रफ्तार कायम रहे। उन्होंने कहा कि इससे मुद्रास्फीति संबंधी चिंताओं से निपटने में भी मदद मिलेगी।
वित्त मंत्री ने कहा, आगामी बजट के बारे में कुछ विशेष बता पाना अभी जल्दबाजी होगा और यह मुश्किल भी है, लेकिन मोटे तौर पर कहें तो वृद्धि की प्राथमिकताएं सबसे ऊपर रहेंगी। मुद्रास्फीति की चिंताओं से भी निपटना होगा। आपको बात दें वित्त वर्ष 2023-24 का बजट के लिए प्रथम चरण की बैठकें 10 अक्टूबर से शुरू हो गई है।
रुपे की स्वीकार्यता के लिए कई देशों से बात
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत विभिन्न देशों से रुपे को उनके यहां स्वीकार्य बनाने के लिए बात कर रहा है और सिंगापुर एवं संयुक्त अरब अमीरात रुपे को अपने देश में स्वीकार्य बनाने के लिए आगे आ चुके हैं। इसके अलावा UPI, भीम ऐप और NCPI पर इस तरह से काम किया जा रहा है ताकि उनके देशों की प्रणालियों के साथ मिलकर काम कर सकें।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि भारत का अगला वार्षिक बजट बहुत ही ध्यान से कुछ इस प्रकार बनाना होगा जिससे कि देश की वृद्धि की रफ्तार कायम रहे। उन्होंने कहा कि इससे मुद्रास्फीति संबंधी चिंताओं से निपटने में भी मदद मिलेगी।
सरकारी नीतियों की वजह से अनुकूल माहौल बना
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ऐसे स्टार्टअप से बात करने के लिए तैयार है जो देश से जाने पर विचार कर रहे हैं और उनके मुद्दों का समाधान इस तरह निकालने का प्रयास करेगी जिससे कि उन्हें देश में ही अपना आधार बनाए रखने में मदद मिले। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने स्वयं स्टार्टअप से संवाद किया है और सरकारी नीतियों की वजह से अनुकूल माहौल बना है जिसके परिणामस्वरूप आज भारत में 100 से अधिक यूनिकॉर्न हैं। वित्त मंत्री ने कहा, हमने उनकी चिंताओं का समाधान करने का अधिकाधिक प्रयास किया है।