अग्निपथ अगर न्याय संगत है तो ठेके पर अफसरों की भर्ती क्यों नही- तेजस्वी
पटना। केन्द्र सरकार द्वारा लिये गये निर्णय पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि इस सरकार की बिना सोचे समझे लाई गयी योजनाएं टेक ऑफ से पहले ही क्रैश हो जती है। जिस देश में युवाओं की आत्मा दुखी हो तो मेरा मानना है कि इस देश की आत्मा दुखी है। ऐसे मामलों में सरकार को संवेदनशील होना चाहिए।
केंद्र सरकार से आग्रह है कि युवाओं के साथ अग्नि से भरा चार वर्षीय मज़ाक न करें क्योंकि पेट की भूख से बड़ी कोई आग नहीं होती। सरकार को बड़ा मन दिखाते हुए अपनी गलत नीतियों के कारण बदहाल अर्थव्यवस्था एवं विकराल बेरोजगारी पर देश के युवाओं से मन से माफ ी माँगनी चाहिए। देश के 60 फीसदी युवाओं के अग्निपथ योजना को लेकर कुछ संशय और सवाल है जिनका जवाब केंद्र सरकार को अवश्य देना चाहिए।
तेजस्वी ने सरकार से पूछा कि 4 साल के ठेके पर बहाल होने वाले अग्निवीरों को एक वर्ष में क्या नियमित सैनिकों की तरह 90 दिनों की छुट्टियाँ मिलेंगी अथवा नहीं। अग्निपथ योजना अगर न्यायसंगत है तो इसमें ठेके पर अफ सरों की भर्ती क्यों नहीं, संविदा पर केवल सैनिकों की ही भर्ती क्यों। सरकार बताए कि क्या यह योजना शिक्षित युवकों के लिए तैयार की गयी मनरेगा है अथवा संघ का कोई हिडेन एजेंडा है।
चार साल बाद जो एकमुश्त राशि मिलेगी उस पर भी टैक्स लगेगा क्या। अगर सरकार अग्निवीरों को सैनिक मानती है तो क्या उन सैनिकों को ग्रैच्युटी देगी। क्या ग्रैच्युटभ् बचाने के लिए ही इस सेवा की अवधि केवल 4 वर्ष की गयी है। क्या सरकार अग्निवीरों को कैंटीन और पूर्व सैनिकों को मिलने वाली चिकित्सा सहित अन्य सैनिक सुविधाएँ देगी।
तेजस्वी ने कहा कि केंद्र सरकार तत्काल अग्निवीर योजना तत्काल वापस लें। देश के युवा अग्निवीर के अलावा कर्मवीर, शूरवीर और शौर्यवीर भी है। उनके और देश के वर्तमान एवं भविष्य के साथ खेलना बंद करें। तेजस्वी ने युवाओं से अपील किया कि किसी भी परिस्थिति में आंदोलन को हिंसक न होने दे।