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बजट 2022 : मत्स्य पालन, डेयरी विकास पर फोकस, देशवासी होंगे और अधिक सेहतमंद

केंद्रीय बजट 2022-23 में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के लिए 6,407.31 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। इस बार बजट में किसानों की आय व रोजगार के अवसर बढ़ाने और पशुपालन के क्षेत्र में भविष्य में आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए नई तकनीकों को विकसित करने के साथ ही पब्लिक हेल्थ पर भी विशेष फोकस किया गया है।

मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के बजट आवंटन में 44 प्रतिशत की वृद्धि

केंद्रीय बजट 2022-23 में मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के बजट आवंटन में 44 प्रतिशत की वृद्धि इस बात को दर्शाती है कि केंद्र सरकार इन क्षेत्रों में तेजी से प्रगति चाहती है। केंद्र ने 6,407.31 करोड़ रुपए आवंटित कर मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी विकास कार्यक्रम के जरिए देश के किसानों के कल्याण के लिए बड़ी रूपरेखा तैयार की है। इसके जरिए अब ऐसी तकनीकों व योजनाओं को बढ़ावा मिलेगा, जिससे कि पशु-पालकों को घर पर ही इलाज की सुविधाएं मिलेंगी। साथ ही मोबाइल वेटरनरी एंबुलेंस सर्विस को बढ़ावा दिया जाएगा। वहीं आधुनिक डेयरी फार्म तैयार किए जा सकेंगे।

”राष्ट्रीय गोकुल मिशन” और ”राष्ट्रीय डेयरी विकास” कार्यक्रम के लिए लाभकारी

”राष्ट्रीय गोकुल मिशन” और ”राष्ट्रीय डेयरी विकास” कार्यक्रम के लिए 2022-23 के बजट में 20 प्रतिशत की वृद्धि से स्वदेशी गोवंश की संख्या की उत्पादकता और गुणवत्तापूर्ण दूध उत्पादन में वृद्धि होगी। बताना चाहेंगे राष्ट्रीय गोकुल मिशन के माध्यम से दुधारू पशुओं की नस्ल सुधार पर तेजी से काम होगा। इसके साथ ही सीमन लैब व एनिमल आइडेंटिफिकेशन पर भी काम हो सकेगा। इसके अलावा फीड फाडर को भी बढ़ावा मिलेगा और देश में नए स्टार्टअप शुरू किए जा सकेंगे।

स्वदेशी गोवंश की संख्या की उत्पादकता और गुणवत्तापूर्ण दूध उत्पादन में होगी वृद्धि

वहीं ”राष्ट्रीय गोकुल मिशन” और ”राष्ट्रीय डेयरी विकास” कार्यक्रम के बजट में की गई बढ़ोतरी से स्वदेशी गोवंश की संख्या की उत्पादकता और गुणवत्तापूर्ण दूध उत्पादन में वृद्धि होगी। इससे क्लीन मिल्क प्रोडक्शन बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। साथ ही ऐसी तकनीक को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे खपतकारों तक अच्छी क्वालिटी का दूध व दूध से बने प्रोडक्ट पहुंच सके।

8 करोड़ दूध उत्पादक किसानों की बढ़ेगी आय

इससे बेरोजगार युवाओं के लिए नए अवसर पैदा होंगे। राष्ट्रीय गोकुल मिशन और राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम से देश के करीब 8 करोड़ दूध उत्पादक किसानों को लाभ होगा। बता दें, सहकारी समितियों के लिए वैकल्पिक न्यूनतम कर और अधिभार में कमी से भारत में हजारों डेयरी सहकारी समितियों को लाभ होगा, जिसके परिणामस्वरूप देश के 8 करोड़ दूध उत्पादक किसानों की आय बढ़ेगी।

2022-23 के लिए पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण के लिए निधि आवंटन में लगभग 60 % की वृद्धि

वहीं, लाइवस्टॉक हेल्थ एंड डिजीज का बजट भी पिछली बार की तुलना में इस बार 60 प्रतिशत ज्यादा है। पशुपालकों का नुकसान लाइवस्टॉक डिजीज के कारण भी होता है। बजट बढ़ने से पशुओं में रोगों को रोकने के लिए वैक्सीनेशन किया जाएगा। डिजीज फोरकास्टिंग की जाएगी कि किस एरिया में कौन सी बीमारी फैलने वाली है। इसे पहले ही बचाव के इंतजाम किए जा सकेंगे।

पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण केंद्र प्रायोजित योजना

जानकारी के मुताबिक, पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण (एलएच और डीसी) योजना एक केंद्र प्रायोजित योजना है जो पशु रोगों के नियंत्रण और निवारण के लिए केंद्रीय हिस्सेदारी के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान करके पशुपालन के विकास में राज्यों व संघ राज्य क्षेत्रों के प्रयासों की पूर्ति करती है। यह 10वीं पंचवर्षीय योजनावधि से जारी है। नए घटकों को शामिल करने और मौजूदा घटकों को संशोधित करके 11वीं योजना और 12 वीं योजना अवधि के दौरान योजना को संशोधित किया गया था। क्लासिकल स्वाइन ज्वर नियंत्रण कार्यक्रम को पूर्वोत्तर क्षेत्र में फोकस किया जा रहा है, जबकि अन्य रोग नियंत्रण कार्यक्रमों को पूरे देश में लागू किया जा रहा है। इनमें पशु रोग नियंत्रण के लिए राज्यों को सहायता (एएससीएडी), पेस्ट डेस पेटिट्स रूमीनेंट्स नियंत्रण कार्यक्रम (पीपीआर-सीपी), पशु चिकित्सा अस्पतालों और औषधालयों की स्थापना और मौजूदा का सुदृढ़ीकरण (ईएसवीएचडी), क्लासिकल स्वाइन ज्वर नियंत्रण कार्यक्रम (सीएसएफ-सीपी), राष्ट्रीय रिंडरपेस्ट निगरानी और मॉनिटरिंग परियोजना (एनपीआरएसएम), व्यावसायिक दक्षता विकास (पीईडी) शामिल हैं।

‘वन हेल्थ मिशन’ के कार्यान्वयन से स्वस्थ पशुधन और स्वस्थ भारत होगा सुनिश्चित

वित्त मंत्री ने बताया कि ‘वन हेल्थ मिशन’ के कार्यान्वयन से स्वस्थ पशुधन और स्वस्थ भारत सुनिश्चित होगा। इसके जरिए रोगनिरोधी टीकाकरण के जरिए पशुओं के स्वास्थ्य संबंधी जोखिम को कम करने, पशु चिकित्सा सेवाओं की क्षमता का निर्माण करने, रोगों की निगरानी करने और पशु चिकित्सा से संबंधित बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के उद्देश्य से दूध की खरीद और दूध एवं दूध से बने उत्पादों के प्रसंस्करण, विपणन और उनकी गुणवत्ता के साथ-साथ पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण के उद्देश्यों की पूर्ति की जा सकेगी। केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं के लिए बजट आवंटन में की गई यह वृद्धि पीएम मोदी के नेतृत्व में पशुधन और दूध उत्पादक किसानों के विकास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।