पूर्व मध्य रेल की सभी ट्रेनें फ ॉग सेफ डिवाइस से होंगे युक्त
पटना। जाड़े के मौसम में संभावित कुहरे के मद्देनजर पूर्व मध्य रेल द्वारा संरक्षित ट्रेन परिचालन की दिशा में कई कदम उठाये जा रहे हैं जिससे कि कोहरे के दौरान गाडिय़ों का विलम्बन कम से कम हो और यात्रियों को परेशानी ना हो। इस उद्देश्य से इंजनों में फ ॉग सेफ डिवाइस लगाया गया है।
ट्रेनों के सुचारू परिचालन हेतु पूर्व मध्य रेल के शत प्रतिशत मेल एक्सप्रेस एवं पैसेंजर ट्रेनों के लोको पायलटों के लिए फ ॉग सेफ डिवाइस का प्रावधान किया गया है। विदित हो कि फ ॉग सेफ डिवाइस जीपीएस आधारित एक उपकरण है जो लोको पायलट को आगे आने वाली सिगनल की चेतावनी देता है जिससे लोको पायलट ट्रेनों की स्पीड को नियंत्रित करते हैं । इसके अतिरिक्त फ ॉग मैन भी तैनात किये जा रहे हैं जो कुहरे के दौरान रेल लाइन पर सिगनल की स्थिति की निगरानी करेंगे। रेल फ्रैक्चर से बचाव एवं समय पर इसकी पहचान हेतु उच्चाधिकारियों की निगरानी में रेलकर्मियों द्वारा निरंतर पेट्रोलिंग की जा रही है।
इससे एक ओर जहां संरक्षा में वृद्धि होगी वहीं कोहरे के बावजूद समय पालन बनाए रखने में मदद मिलेगी । लाइन पेट्रोल करने वाले कर्मचारियों को भी उपलब्ध कराया जा रहा है ताकि उनकी खुद की भी सुरक्षा हो सके। सिगनलों की दृश्यता को बढ़ाने के लिए सिगनल साइटिंग बोर्ड, फ ॉग सिगनल पोस्ट, ज्यादा व्यस्त समपार के लिफ्टिंग बैरियर को एक विशेष रंग काला एवं पीला रंग से रंगकर उसे चमकीला बनाया गया है। सिगनल आने के पहले रेल पटरी पर सफेद चूने से निशान बनाया गया है ताकि लोको पायलट कुहासे वाले मौसम में सिगनल के बारे में अधिक सतर्क हो जायें ।
घने कुहरे में स्टॉप सिगनल की पहचान हेतु स्टॉप सिगनल से पहले एक विशेष पहचान चिन्ह सिगमा शेप्स का प्रावधान किया जा रहा है ताकि चालक को स्टॉप सिगनल की जानकारी आसानी से प्राप्त हो सके। लोको पायलटों को प्रत्येक स्टेशनों का फस्र्ट स्टॉप सिगनल लोकेशन किलोमीटर चार्ट उपलब्ध कराया जा रहा है जिसके प्रयोग से चालक यह सुनिश्चित कर पाएंगे कि अगले कितनी दूरी पर ट्रेन को रोकना है और इसके अनुसार वे ट्रेन की गति नियंत्रित करेंगे। सभी स्टेशन मास्टरों तथा लोको पायलटों को निर्देश दिया गया है कि कुहासा होने पर इसकी सूचना तत्काल नियंत्रण कक्ष को दी जाये ।