मुख्यमंत्री ने की कोविड-19 के मद्देनजर किये जा रहे कार्यो की उच्चस्तरीय समीक्षा, दिये आवश्यक निर्देश
लाॅकडाउन के दौरान बिहार के बाहर अन्य राज्यों में फॅसे लोगों को मुख्यमंत्री राहत कोष से मुख्यमंत्री विशेष सहायतान्तर्गत आपदा प्रबंधन विभाग के माध्यम से 1,000 रूपये की राशि दी गयी है किंतु कुछ ऐसे लोग भी हैं, जिनका बिहार के किसी भी बैंक में खाता संधारित नहीं था। बिहार वापस आ चुके ऐसे लोगों के खाते खुलवाकर उन्हें भी 1,000 रूपये की राशि शीघ्र हस्तांतरित की जाय।
बचे हुये राशन कार्डधारी परिवारों को भी 1,000 रूपये की सहायता राशि शीघ्र हस्तांतरित की जाय।
फरवरी, मार्च एवं अप्रैल माह में असामयिक वर्षा/ओलावृष्टि से हुयी फसल क्षति के लिये किसानों को कृषि इनपुट अनुदान वितरित करने की प्रक्रिया जारी है। बचे हुये एवं अप्रैल माह में पुनः हुयी असामयिक वर्षा/ओलावृष्टि से फसल क्षति के लिये प्राप्त आवेदनों को निष्पादित कर संबंधित किसानों को अनुदान की राशि शीघ्र उपलब्ध करायी जाय।
विशेष श्रमिक ट्रेनों के माध्यम से आये ऐसे श्रमिक जो क्वारंटाइन अवधि पूर्ण कर अपने घर जा रहे हैं, उन्हें सरकार के निर्णय के अनुरूप यात्रा किराये में व्यय की गयी राशि एवं 500 रूपये अथवा न्यूनतम 1,000 रूपये उनके खाते में शीघ्र अंतरित किये जायें और यह सुनिश्चित किया जाय कि इसमें विलम्ब न हो।
बाहर से आये श्रमिक क्वारंटाइन अवधि पूर्ण करने के बाद अपने- अपने घर गये हैं, जिन श्रमिकों की क्वारंटाइन अवधि प्रोटोकाॅल के अनुसार पूर्ण हो गयी है, उन्हें दिशा-निर्देशों के अनुरूप विशेष प्रयास कर रोजगार उपलब्ध कराया जाय। सभी संबंधित विभाग इसका अनुश्रवण करें।
बाहर से आये श्रमिकों के परिवारों को स्वयं सहायता समूह से जोड़ें, जिससे उन्हें राज्य में चलायी जा रही योजनाओं के बारे में जानकारी मिले और उसका लाभ भी मिले। जीविका के माध्यम से बिहार में महिलाओं में काफी जागृति आयी है, आत्मविश्वास बढ़ा है और वे आत्मनिर्भर भी हुयीं हैं।
कोरोना संक्रमित लगातार स्वस्थ होकर घर जा रहे हैं। अतः लोग घबरायें नहीं, धैर्य रखें, सचेत रहें और सतर्क रहें। कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु लोगों को लगातार जागरूक करते रहें।
पटना, 28 मई 2020:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव एवं अन्य वरीय अधिकारियों के साथ कोविड-19 के मद्देनजर किये जा रहे कार्यो की उच्चस्तरीय समीक्षा की।
समीक्षा के क्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि लाॅकडाउन के दौरान बिहार के बाहर अन्य राज्यों में फॅसे लोगांे को मुख्यमंत्री राहत कोष से मुख्यमंत्री विशेष सहायतान्तर्गत आपदा प्रबंधन विभाग के माध्यम से 1,000 रूपये की राशि दी गयी है किंतु कुछ ऐसे लोग भी हैं, जिनका बिहार के किसी भी बैंक में खाता संधारित नहीं था। मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुये कहा कि बिहार वापस आ चुके ऐसे लोगों के खाते खुलवाकर उन्हें भी 1,000 रूपये की राशि शीघ्र हस्तांतरित की जाय। उन्होंने कहा कि बचे हुये राशन कार्डधारी परिवारों को भी 1,000 रूपये की सहायता राशि शीघ्र हस्तांतरित की जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि फरवरी, मार्च एवं अप्रैल माह में असामयिक वर्षा/ओलावृष्टि से हुयी फसल क्षति के लिये किसानों को कृषि इनपुट अनुदान वितरित करने की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने निर्देश देते हुये कहा कि बचे हुये किसानों एवं अप्रैल माह में पुनः हुयी असामयिक वर्षा/ओलावृष्टि से फसल क्षति के लिये प्राप्त आवेदनों को निष्पादित कर संबंधित किसानों को अनुदान की राशि शीघ्र उपलब्ध करायी जाय ताकि किसानों को जल्द राहत मिल सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विशेष श्रमिक ट्रेनों के माध्यम से आये ऐसे श्रमिक जो क्वारंटाइन अवधि पूर्ण कर अपने घर जा रहे हैं, उन्हें सरकार के निर्णय के अनुरूप यात्रा किराये में व्यय की गयी राशि एवं 500 रूपये अथवा न्यूनतम 1,000 रूपये उनके खाते में शीघ्र अंतरित किये जायें और यह सुनिश्चित किया जाय कि इसमें विलम्ब न हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाहर से आये श्रमिक क्वारंटाइन अवधि पूर्ण करने के बाद अपने- अपने घर गये हैं, जिन श्रमिकों की क्वारंटाइन अवधि प्रोटोकाॅल के अनुसार पूर्ण हो गयी है, उन्हें दिशा-निर्देशों के अनुरूप विशेष प्रयास कर रोजगार उपलब्ध कराया जाय। उन्होंने कहा कि सभी संबंधित विभाग इसका अनुश्रवण करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाहर से आये श्रमिकों के परिवारों को स्वयं सहायता समूह से जोड़ें, जिससे उन्हें राज्य में चलायी जा रही योजनाओं के बारे में जानकारी मिले और उसका लाभ भी मिले। उन्होंने कहा कि जीविका के माध्यम से बिहार में महिलाओं में काफी जागृति आयी है, आत्मविश्वास बढ़ा है और वे आत्मनिर्भर भी हुयीं हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमित लगातार स्वस्थ होकर घर जा रहे हैं। अतः लोग घबरायें नहीं, धैर्य रखें, सचेत रहें और सतर्क रहें। कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु लोगों को लगातार जागरूक करते रहें।