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कोरोना से उबरने के बाद घरेलू शेयर बाजार लिख रहा है कामयाबी की नई-नई इबारतें

भारतीय शेयर बाजार रिकॉर्ड तेजी के साथ कारोबार कर रहा है। पिछले साल मार्च में कोरोना की पहली लहर के दौरान शेयर बाजार में आई गिरावट के बाद पिछले करीब 18 महीने से शेयर बाजार लगातार कामयाबी की नई-नई इबारतें लिख रहा है। इसके बावजूद शेयर बाजार के जानकारों का मानना है कि जल्द ही बाजार में करेक्शन की शुरुआत हो सकती है।

जानकारों को शेयर बाजार में करेक्शन की संभावना

पिछले करीब 18 महीने की अवधि में अपनी तेज रफ्तार के कारण बीएसई का सेंसेक्स 62 हजार के रिकॉर्ड लेवल को पार कर चुका है। एनएसई का निफ्टी भी 18,600 के स्तर को पार कर चुका है। मामूली खरीददारी और बिकवाली के बीच शेयर बाजार में लगातार तेजी बनी हुई है। अब जानकारों को शेयर बाजार में करेक्शन की संभावना नजर आने लगी है। अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले दो से तीन महीने या अधिक से अधिक 6 महीने के दौरान शेयर बाजार में करेक्शन होगी, जिसके कारण बाजार 15 से 20 फीसदी तक गिर सकता है।

शेयर बाजार ने तेज गति से बनाए नए रिकॉर्ड

धामी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट प्रशांत धामी का मानना है कि पिछले 18 महीने के दौरान शेयर बाजार ने जिस गति से नए नए रिकॉर्ड बनाए हैं, वैसा इसके पहले कभी भी भारतीय शेयर बाजार में नहीं हुआ। इस तेजी के कारण शेयर बाजार अपने वास्तविक स्तर से काफी ऊपर चढ़कर कारोबार कर रहा है। इसलिए शेयर बाजार में कभी भी गिरावट का दौर शुरू हो सकता है।

आपको बता दें कि भारतीय शेयर बाजार 2003 से 2007 के दौर के बाद पिछले 18 महीने के दौरान सबसे अधिक तेजी का रुख दिखा रहा है। बाजार की इस तेजी के कारण निवेशकों को पिछले 18 महीने के दौरान सभी सेगमेंट मिलाकर औसतन 19 फीसदी तक का मुनाफा हुआ है। इस ऊंचाई पर अगर शेयर बाजार में करेक्शन की शुरुआत होती है, तो निवेशकों को एक झटके में बड़ा नुकसान भी हो सकता है।

लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट पर देना चाहिए ध्यान

जानकारों का कहना है कि शेयर बाजार की मौजूदा तेजी को देखते हुए छोटे निवेशकों को काफी सतर्क होकर अपनी निवेश योजना तैयार करनी चाहिए। ऐसे निवेशकों को शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट की बजाए लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि शॉर्ट टर्म के लिए किया गया निवेश बाजार में करेक्शन होने की स्थिति में निवेशकों को भारी नुकसान पहुंचा सकता है।