राष्ट्रीय

भारत परमाणु हथियार रहित विश्‍व करने के लक्ष्‍य के लिए प्रतिबद्ध

विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा है कि भारत परमाणु हथियार रहित विश्‍व और परमाणु हथियारों को पूरी तरह खत्‍म करने के लक्ष्‍य के लिए प्रतिबद्ध है। निरस्‍त्रीकरण के बारे में संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा के पहले विशेष सत्र के अंतिम दस्‍तावेज में इसे सर्वोच्‍च प्राथमिकता दी गई है। सामूहिक विनाश के हथियारों के अप्रसार संबंधी संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में श्री श्रृंगला ने कहा कि भारत ने परमाणु निरस्‍त्रीकरण की दिशा में वैश्विक प्रयासों में अग्रणी भूमिका निभाई है। उन्‍होंने कहा कि भारत 1954 में परमाणु परीक्षण पर प्रतिबंध का आह्वान करने वाला और 1965 में परमाणु हथियारों की अप्रसार संधि को गैर-भेदभावपूर्ण बताने वाला पहला देश था। विदेश सचिव ने कहा कि भारत का मानना है कि यह लक्ष्‍य व्‍यापक प्रतिबद्धता से तैयार कदमवार प्रक्रिया और वैश्विक तथा गैर भेदभाव के बहुपक्षीय ढांचे की सहमति के माध्‍यम से हासिल किया जा सकता है। वर्ष 2006 में संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा में प्रस्‍तुत परमाणु निरस्‍त्रीकरण के बारे में भारत के कार्यकरण संबंधी दस्‍तावेज में इसका उल्‍लेख किया गया है।

विदेश सचिव ने कहा कि भारत ने निरस्‍त्रीकरण सम्‍मेलन में व्‍यापक परीक्षण प्रतिबंध संधि के मसौदे की बातचीत में हिस्‍सा लिया था। भारत इस संधि में शामिल नहीं हो सका क्‍योंकि इसमें भारत की कई प्रमुख चिंताओं का समाधान नहीं किया गया था। श्री श्रृंगला ने कहा कि भारत परमाणु निरस्‍त्रीकरण और परमाणु अप्रसार ढांचे को मजबूत करने के लिए बने तीन निकायों- निरस्‍त्रीकरण सम्‍मेलन, संयुक्‍त राष्‍ट्र निरस्‍त्रीकरण आयोग और संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा की पहली समिति में काम करता रहेगा।

विदेश सचिव ने कहा कि भारत ने वैश्विक परमाणु सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने का  समर्थन किया है। उन्‍होंने कहा कि भारत ने परमाणु सुरक्षा शिखर बैठक में हिस्‍सा लिया था और उसने अंतरराष्‍ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी द्वारा आयोजित अंतरराष्‍ट्रीय परमाणु सुरक्षा सम्‍मेलनों में नियमित रूप से भाग लिया है। श्रृंगला ने कहा कि भारत परमाणु सुरक्षा संपर्क समूह का भी सदस्‍य है।

विदेश सचिव ने कहा कि परमाणु अप्रसार ढांचे को मजबूत करने के उद्देश्‍य से भारत कई विशेषज्ञ नियंत्रण प्रशासनों में शामिल हुआ है। इनमें ऑस्‍ट्रेलिया समूह, वासेनार व्‍यवस्‍था, प्रक्षेपास्‍त्र प्रोद्योगिकी नियंत्रण प्रशासन शामिल हैं और भारत ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूहों के साथ सौहार्द्रपूर्ण संबंध बनाया है। उन्‍होंने कहा कि भारत को उम्‍मीद है कि अंतरराष्‍ट्रीय समुदाय विश्‍व को परमाणु हथियारों से रहित करने की सामूहिक आंकाक्षा पूरी करने की दिशा में काम करता रहेगा।

साभार : NewsOnAir