हरियाणा सरकार टोक्यो पैरालंपिक के विजेता सुमित और योगेश कथुनिया को छह और चार करोड़ पुरस्कार राशि देने की घोषणा की
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने टोक्यो में चल रहे पैरालंपिक खेलों में भाला फेंक में विश्व रिकॉर्ड बनाते हुए स्वर्ण पदक जीतने पर सुमित अंतिल और डिस्कस थ्रो एफ-56 में रजत पदक जीतने पर योगेश कथुनिया को क्रमश: छह करोड़ और चार करोड़ रुपए की पुरस्कार राशि देने की घोषणा की है। दोनों को हरियाणा सरकार सरकारी नौकरी भी देगी।
मुख्यमंत्री ने तारीफ में कहे ये शब्द
केवल इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सुमित अंतिल ने टोक्यो पैरालंपिक में भाला फेंक खेल में वर्ल्ड रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीतकर हरियाणा वासियों के साथ-साथ पूरे हिंदुस्तान का दिल जीत लिया है। मुख्यमंत्री ने सुमित के जज्बे को सलाम करते हुए उनके इस ऐतिहासिक प्रदर्शन पर उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डिस्कस थ्रो एफ-56 में रजत पदक जीतने वाले बहादुरगढ़ निवासी योगेश कथुनिया ने हरियाणा ही नहीं देश का भी मान बढ़ाया है। मुख्यमंत्री ने योगेश के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए उन्हें बधाई दी है।
सोनीपत के सुमित ने बनाया विश्व रिकॉर्ड
भारत को एक सुनहरा अवसर देने वाले गोल्ड मेडल विजेता सुमित अंतिल सबकी आंख का तारा बन गए हैं। दरअसल, सुमित ने टोक्यो पैरालंपिक खेलों में 68.55 मीटर दूर भाला फेंका, जो वर्ल्ड रिकॉर्ड बन गया। टोक्यो पैरालंपिक में भारत की ओर से जैवलिन थ्रोअर सुमित अंतिल के इस धमाकेदार प्रदर्शन से देश को गोल्ड मेडल प्राप्त हुआ है।
वहीं ऑस्ट्रेलिया के मिशल ब्यूरियन ने 66.29 मीटर के थ्रो के साथ रजत पदक जीता और श्रीलंका के दुलन कोडिथुवाक्कू ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए कांस्य पदक जीता। फाइनल में एक अन्य भारतीय संदीप चौधरी सीजन की सर्वश्रेष्ठ 62.20 मीटर के साथ चौथे स्थान पर रहे।
सुमित से पहले अवनी लेखरा ने शूटिंग में भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाया। उन्होंने सोमवार को महिलाओं की आर-2 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एसएच1 में पहला स्थान हासिल करके स्वर्ण पदक जीता था। वहीं इससे पहले सोमवार को ही देवेंद्र झाझरिया और सुंदर सिंह गुर्जर ने भी भाला फेंक स्पर्धा में क्रमशः रजत और कांस्य पदक जीता था।
गांव में जश्न का माहौल
सुमित अंतिल सोनीपत के गांव खेवड़ा के रहने वाले हैं और वहां जश्न का माहौल है। सोमवार को जैवलिन थ्रो में पुरुषों (एफ 64 वर्ग) के फाइनल मुकाबले में सुमित ने स्वर्ण पदक जीता। इस तरह भारत को इस प्रतियोगिता में तीसरा पदक मिला। वहीं सुमित की इस जीत के साथ ही भारत के कुल मेडल की संख्या 7 हो गई है। सुमित ने 68.55 मीटर दूर भाला फेंककर गोल्ड मेडल अपने नाम किया। सुमित अंतिल का यह थ्रो वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बना गया। टोक्यो पैरालंपिक में भारत का ये दूसरा स्वर्ण पदक है।
मात्र 23 साल की उम्र में रचा इतिहास
सुमित के पिता एयरफोर्स में थे उनका निधन हो चुका है और मां निर्मला ग्रहणी हैं। सुमित पहले कुश्ती करते थे लेकिन एक सड़क दुर्घटना में इसकी टांग कटने के कारण उन्हें अपने खेल को बदलना पड़ा। हालांकि जोश, जज्बा और जुनून से लबरेज सुमित ने अपने लक्ष्य तो तैयार कर मेहनत की और आज वो औरों के लिए मिसाल बन गये हैं। मात्र 23 साल के सुमित ने टोक्यो पैरालंपिक में शानदार तरीके से अपने खेल का प्रदर्शन किया और भारत को स्वर्ण पदक दिलाया। सुमित अंतिल के कोच वीरेंद्र फौजी अपने शिष्य की शानदार पोजीशन को देखकर फुले नहीं समा रहे।
साभार : NewsOnAir