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देश में खाद्य तेलों के उत्‍पादन को बढ़ावा देने के लिए केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने राष्‍ट्रीय मिशन को मंजूरी दी

केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने खाद्य तेलों के उत्‍पादन में वृद्धि करने और आयात पर निर्भरता में कमी लाने के लिए कई कदम उठाने के निर्णय लिए हैं। आज नई दिल्‍ली में मीडिया को इसकी जानकारी देते हुए सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने बताया कि मंत्रिमंडल ने पाम ऑयल के आयात में कमी लाने के लिए प्रमुख निर्णय लिए और खाद्य तेल-पाम ऑयल राष्‍ट्रीय मिशन के कार्यान्‍वयन को अनुमति दी। इस मिशन को केन्‍द्रीय प्रायोजित योजना के रूप में कार्यान्वित किया जाएगा। उन्‍होंने बताया कि पूर्वोत्‍तर क्षेत्र तथा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पर विशेष ध्‍यान दिया जाएगा।

केन्‍द्रीय कृषि और किसान कल्‍याण मंत्री नरेन्‍द्र सिंह तोमर ने बताया कि इस निर्णय से खाद्य तेलों के उत्‍पादन में वृद्धि होगी। उन्‍होंने कहा कि केन्‍द्र, खाद्य तेलों के उत्‍पादन में बढोतरी के लिए राज्‍यों के साथ मिलकर काम कर रहा है।

तोमर ने यह भी कहा कि इस योजना का वित्‍तीय परिव्‍यय 11 हजार 40 करोड रुपये का होगा, जिसमें से भारत सरकार आठ हजार आठ सौ 44 करोड रुपये वहन करेगी तथा राज्‍यों का हिस्‍सा दो हजार एक सौ 96 करोड रुपये होगा।

कृषि मंत्री ने यह भी बताया कि इस योजना के अंतर्गत 2025-26 तक पाम ऑयल के लिए छह दशमलव पांच लाख हेक्‍टेयर अतिरिक्‍त क्षेत्र उपलब्‍ध कराया जाएगा। इस प्रकार पाम ऑयल के लिए दस लाख हेक्‍टेयर क्षेत्र का लक्ष्‍य पूरा किया जा सकेगा।

क्रूड पाम ऑयल का उत्‍पादन 2025-26 तक बढ़कर 11 दशमलव 20 लाख टन और 2029-30 तक 28 लाख टन हो जाने की उम्‍मीद है। तोमर ने बताया कि इस योजना से पाम ऑयल किसानों को काफी फायदा मिलेगा, पूंजी निवेश में वृद्धि होगी, रोजगार का सृजन होगा, आयात पर निर्भरता में कमी आएगी और किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी।

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा है कि खाद्य तेल-पाम ऑयल पर राष्‍ट्रीय मिशन के संबंध में आज लिया गया मंत्रिमंडल का निर्णय पाम ऑयल किसानों को मदद देने और आत्‍मनिर्भर भारत बनाने में गेमचेंजर साबित होगा। एक ट्वीट में मोदी ने कहा कि पूर्वोत्‍तर तथा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह को इस निर्णय से विशेष रूप से फायदा होगा।