टोक्यो ओलंपिक और भारत की उम्मीदें
खेलों का सबसे बड़ा महाकुंभ ओलंपिक खेल 23 जुलाई से टोक्यो में शुरू हो रहा है और 8 अगस्त तक चलेगा। यह ओलंपिक खेल अपने पहले निर्धारित तिथि से 364 दिन की देरी से प्रारंभ हो रहा है और इसमें भारत के कुल 228 सदस्यीय दल भाग ले रहा है, जिसमें खिलाड़ी और पदाधिकारी शामिल है। भारत के 139 करोड़ लोगों की उम्मीदें ओलंपिक के 33 में से 18 खेलों में भाग लेने वाले 127 भारतीय खिलाड़ियों पर टिकी है। रियो ओलंपिक 2016 में भारत के 117 खिलाड़ियों ने भाग लिया, लेकिन इस बार भारत के सबसे बड़े दल में 15 निशानेबाज शामिल है।
भारत की निशानेबाजी टीम युवा और अनुभवी खिलाड़ियों से भरी पड़ी है। डेटा एजेंसी ग्रेसनोट की रिपोर्ट को अगर आधार माना जाए, तो इस बार भारत को निशानेबाजी में 8 पदक की उम्मीद है। वर्ष 1896 में जब आधुनिक ओलंपिक खेल की शुरुआत एथेंस में हुई थी, तो जिन 9 खेल स्पर्धाओं को शामिल किया गया था उसमें एक खेल निशानेबाजी भी था। ओलंपिक खेलों में तब से निशानेबाजी के खेल आयोजित होते रहे है।
भारत ने ओलंपिक में हॉकी के अलावा केवल निशानेबाजी में ही गोल्ड जीतने का करिश्मा किया है। निशानेबाजी में एकमात्र ओलंपिक गोल्ड भारत को दिलाने कर श्रेय अभिनव बिन्दा को 2008 के बीजिंग ओलंपिक में मिला था। निशानेबाजी में इस बार 19 वर्षीय सौरभ चौधरी और 19वर्षीय मनु भाकर से गोल्ड की उम्मीद की जा रही है। सौरभ चौधरी का वर्ल्ड रैकिंग दो है और आई एस एस एफ वर्ल्ड कप में पिछले तीन सालों में इस खिलाड़ी ने 8 गोल्ड समेत कुल 13 पदक जीता है। इसके अलावा यह खिलाड़ी एशियन गेम्स और यूथ ओलंपिक का भी स्वर्ण पदक विजेता रहा है। मनु भाकर वर्ल्ड कप में पिछले चार साल से 9 स्वर्ण पदक समेत कुल 11 पदक जीत चुकी है। मिक्स्ड पिस्टल में भी उसके 6 गोल्ड है।
मुक्केबाजी में भी इस बार सबसे अधिक पदक की उम्मीद 52 किलोग्राम में अमित पंघाल से है, जबकि महिला वर्ग में अपना दूसरा ओलंपिक खेल रही 51 किलोग्राम में एम सी मैरीकॉम से भी पदक की उम्मीद की जा रही है। संसद सदस्य 38 साल की मेरीकॉम छह बार की विश्व चैंपियन भी है। 25 साल के पंघाल विश्व मुक्केबाजी प्रतियोगिता में रजत पदक जीतने वाले पहले भारतीय मुक्केबाज है।
भारत की एथलेटिक्स टीम में 26 खिलाड़ी और 14 कोच तथा एक मैनेजर शामिल है। टोक्यो ओलंपिक में भारतीय एथलेटिक्स टीम के मैनेजर मधुकांत पाठक ने बताया कि इस बार के ओलंपिक में जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा से पदक की उम्मीद है। इसके अलावा गोला फेंक में तजिंदरपाल, 3000 मीटर स्टीपलचेस में अविनाश चावला तथा महिला एथलीट में डिस्कस थ्रो में कमलप्रीत से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद हम कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि एथलेटिक्स स्पर्धा में दुनिया के लगभग 200 देश भाग लेते है, इसलिए इसमें पदक जीतना कठिन माना जाता है। उन्होंने कहा कि 4 गुणा 400 मीटर मिक्सड रिले पुरुष टीम से भी फाइनल में पहुंचने की उम्मीद है।
बैडमिंटन में इस बार पीवी सिंधु पदक का रंग बदलने की पूरी कोशिश करेगी। विश्व बैडमिंटन प्रतियोगिता में पांच पदक जीतने वाली सिंधु पिछले रियो ओलंपिक में रजत पदक जीतने में कामयाब रही थी। वर्ष 2012 के लंदन ओलंपिक में पहली बार भारत के लिए बैडमिंटन में कांस्य पदक जीतने वाली साइना नेहवाल इस बार ओलंपिक खेलने के लिए अर्हता नहीं प्राप्त कर पायी।
पुरुष हॉकी में भारत ने 1980 के मास्को ओलंपिक में अंतिम बार स्वर्ण पदक जीता था,लेकिन उसके बाद से भारतीय हॉकी टीम बिना पदक के ही ओलंपिक से लौटती रही है, लेकिन इस बार भारतीय पुरुष टीम से पदक की उम्मीद की जा रही है। वहीं लगातार दूसरी बार ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम भी खेलने उतरेगी। महिला हॉकी टीम में झारखंड की निक्की प्रधान और सलीमा टेटे भी टोक्यो में जौहर दिखायेगी।
वहीं झारखंड की दीपिका कुमारी तीरंदाजी में तीसरी बार ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व कर रही है। दीपिका ने हाल ही में पेरिस वर्ल्ड कप में तीन स्पर्द्धाओं में स्पर्ण पदक जीतने की हैट्रिक लगायी थी। दीपिका के पति अतानु दास से भी पदक की उम्मीद की जा रही है। पति पत्नी की यह भारतीय जोड़ी ओलंपिक में भारत की झोली में पदक डालने की पूरी क्षमता रखती है।
कुश्ती में भी इस बार 27वर्षीय बजरंग पुनिया और 26वर्षीय विनेश फोगाट से पदक की सबसे अधिक उम्मीद है। बजरंग का यह पहला ओलंपिक है, लेकिन विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में उसके नाम तीन पदक है। दीपक और रवि भी कुश्ती में भारत की उम्मीद है।
टेबल टेनिस में भारत के चार खिलाड़ी भाग ले रहे है। मणिका बत्रा और अंचत शरत कमल का यह दूसरा ओलंपिक है। दोनों खिलाड़ी एकल और मिश्रित स्पर्द्धा में भारत की दावेदारी पेश करेंगे। राष्ट्रमंडल खेलों में दोनों को पदक जीतने का श्रेय हासिल है।
टोक्यो में अपना चौथा ओलंपिक खेलने वाली सानिया मिर्जा और अपना पहला ओलंपिक खेलने वाली अंकिता रैना से भी टेनिस में पदक की उम्मीद की जा रही है।
ओलंपिक में पहली बार भारत के चार सेलर भी भाग ले रहे है। नेत्रा कुमानन ओलंपिक में खेलने वाली भारत की पहली महिला सेलर हैं। गोल्फ में अदिति-लाहिड़ी ने दूसरी बार भारत की तरफ से ओलंपिक खेलने की अर्हता प्राप्त की है। गोल्फ में भारत की तरफ से भाग लेने वाले तीसरे खिलाड़ी उदयन माने है।
रोइंग में अर्जुन लाल और अरविंद सिंह पहली बार ओलंपिक में खेलेंगे। पिछले ओलंपिक में भारत की तरफ से खेलने वाले दतू भोकोनल इस बार क्वालीफाई नहीं कर पाये। तैराकी में पहली भारतीय तैराक ने सीधे ओलंपिक में खेलने की अर्हता प्राप्त की है। सजन प्रकाश का यह दूसरा ओलंपिक है। 200 मीटर बटर फ्लाई में सजन और 100 मीटर बैक स्ट्रोक में श्रीहरि नटराज ने इस बार ए कट हासिल कर ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया। इसके अलावा माना पटेल 100 मीटर बैक स्ट्रोक में भाग लेगी।
तलवारबाजी का खेल ओलंपिक में 1923 के पेरिस ओलंपिक में शामिल किया गया था। महिला तलवारबाज पहले फॉएल में भाग लेती थी, लेकिन अटलांटा 1996 से उन्होंने एपे और एथेन्स 2004 से सेबर में हिस्सा लेना शुरू कर दिया था। तमिलनाडु की भवानी सिंह ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली भारत की पहली तलवारबाज बन गयी। 27वर्ष की भवानी सिंह तलवारबाजी के सेबर स्पर्द्धा में टोक्यो में खेलने उतरेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिये ओलंपिक में भाग लेने वाले खिलाड़ियों से पिछले दिनों बात कर उनका उत्साह बढ़ाया है। प्रधानमंत्री ने खिलाड़ियों से कहा कि आप सब इस बात के साक्षी है कि देश किस तरह नई सोच, नई अप्रोच के साथ अपने हर खिलाड़ी के साथ खड़ा है। आज देश के लिए आपका मोटिवेशन महत्वपूर्ण है। आप खुलकर खेल सके, अपने पूरे सामर्थ्य के साथ खेल सकें, अपने खेल को, टेकनीक को और निखार सके, इसे सर्वाच्च प्राथमिकता दी गयी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पहली बार भारत इतने ज्यादा खेलों में ओलंपिक में भाग ले रहा है। कई ऐसे खेल है, जिनमें भारत ने पहली बार क्वालीफाई किया है। जीतना ही नयी इंडिया की आदत बन जाएगी। जीतने के लिए प्रेशर रखकर नहीं खेलना है, बस याद रखिये कि आपको बेस्ट देना है। उन्होंने देशवासियों से खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाने और चीयर करने की अपील भी की।
इस बीच अंतरराष्ट्रीय शूटर, अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित, कॉमनवेल्थ गेम्स-2018 में स्वर्ण पदक विजेता श्रेयसी सिंह ने कहा कि कोई भी खिलाड़ी अथक परिश्रम की वजह से ही ओलंपिक जैसे महान खेल में पहुंचता है। खिलाड़ियों के लिए हार या जीत मायने नहीं रखती है, बल्कि उनकी भागीदारी महत्वपूर्ण होती है। मेरी शुभकामना है कि ओलंपिक में शामिल होने वाली भारतीय टीम अधिक से अधिक गोल्ड मेडल लेकर आएं।
विनय कुमार
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं- ये उनके निजी विचार हैं)