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अगले सप्ताह लॉन्च होगी DRDO की दवा ‘2-DG’, इन अस्पतालों को मिलेगा 10 हजार खुराक का पहला बैच

देश के बाहरी दुश्मनों से मुकाबला करने के लिए एक से बढ़कर एक मिसाइल तैयार करने वाली डीआरडीओ ने उस वक्त बड़ी उपलब्धि हासिल की, जब वैश्विक संकट कोरोना वायरस के खिलाफ पहली दवा को ड्रग्स कंट्रोलर ने इस्तेमाल की मंजूरी दे दी। इस दवा का नाम है ‘2-डीजी’। डीआरडीओ ने कोरोना के खिलाफ ये दवा काफी कम समय में तैयार की है। वहीं, तैयार की गई दवा ‘2-डीजी’ का 10 हजार का पहला बैच अगले हफ्ते मरीजों के इलाज के लिए मिल सकता है। इसके लिए तैयारियां युद्धस्तर पर चल रही हैं। इसके साथ ही इसके उत्पादन को बढ़ाए जाने का भी प्रयास किया जा रहा है।

कहां होगा सबसे पहले प्रयोग

देशभर में चल रहे डीआरडीओ के कोविड केयर अस्पतालों को 10 हजार खुराक का पहला बैच मिलेगा और इसके इस्तेमाल की शुरुआत भी यहीं से होगी, जहां मौजूद सशस्त्र बलों के डॉक्टर अपनी निगरानी में मरीजों को दवा देंगे। यह पानी में घोलकर पीने वाली दवा है।

कोविड मरीजों पर कैसे करती है काम

इस दवा को विकसित करने वाले वैज्ञानिकों डॉ. अनंत एन. भट और डॉ. सुधीर चांदना का कहना है कि कोई भी वायरस शरीर के अंदर प्रवेश करने के बाद मानव कोशिकाओं को धोखा देकर अपनी जड़ें जमाता है। इसके लिए वह कोशिकाओं से बड़ी मात्रा में प्रोटीन लेता है। यह दवा एक ‘सूडो’ ग्लूकोस है, जो संक्रमित कोशिकाओं में जमा होकर वायरस को शरीर में आगे बढ़ने से रोक देती है। यह दवा कोरोना मरीजों को रिकवर करने और ऑक्सीजन पर उनकी निर्भरता को भी कम करती है यानि इस दवा को लेने के बाद मरीज कोरोना वायरस से जंग जीत रहे हैं।

कहां हो रहा उत्पादन

डीआरडीओ के परमाणु चिकित्सा और संबद्ध विज्ञान संस्थान ने डी-ग्लूकोस (2-डीजी) दवा को हैदराबाद स्थित डॉ. रेड्डी लेबोरेटरीज के साथ तैयार किया है। इसे बेहद आसानी से उत्पादित किया जा सकता है, इसलिए देशभर में जल्दी ही आसानी से उपलब्ध हो जाएगी क्योंकि इसमें बेहद जेनेरिक मॉलिक्यूल हैं और ग्लूकोस जैसा ही है। डीआरडीओ की इस दवा को डॉक्टर रेड्डीज की हैदराबाद लैब में पहले तैयार किया गया है, वहीं अब अन्य केंद्रों पर ‘2-डीजी’ का बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू किया जा रहा है।

जल्द तय होगी कीमत

वहीं डीआरडीओ प्रमुख डॉ. जी. सतीश रेड्डी का कहना है कि तीन चरणों में प्रभावी साबित होने के बाद अब आसानी से बड़े पैमाने पर इस दवा का उत्पादन किया जा सकता है जिससे कोविड संकट के समय देश के स्वास्थ्य ढांचे पर पड़ रहे बोझ से राहत मिलेगी। हमारी कोशिश है कि कुछ दिनों में ही दवा का लागत मूल्य तय कर लिया जाए, जिससे यह पता चल सके कि बाजार में उपलब्ध होने पर क्या कीमत होगी।

कोविड संकट के समय देश के पहले ओरल ड्रग को इमरजेंसी इस्तेमाल की ड्रग्स कंट्रोलर से मंजूरी मिलना डीआरडीओ के लिए बड़ी उपलब्धि है। 2-डीजी दवा देश को कोविड संकट से उबारने में गेमचेंजर साबित हो सकती है।

(तस्वीर सांकेतिक हैं)