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तरैया में चीनी मिल लगाने के लिए कृत संकल्पित है बिहारी युवा संजय कुमार सिंह

पटना।कहते हैं कि दिल में कुछ कर गुजरने की तमन्ना हो तो तमाम विघ्न बाधाओं के बावजूद इंसान अपनी मंजिल को प्राप्त कर ही लेता है इस कहावत को वास्तविकता के धरातल पर उतारने में लगे हैं बिहार के कर्मठ उद्यमी संजय कुमार सिंह जो बिहार के छपरा जिले के तरैया में चीनी मिल लगाने के लिए विगत 6 माह से दिन रात एक किए हुए हैं।

 

संजय कुमार सिंह देश के शुगर इंडस्ट्री में एक बड़े नाम के तौर पर जाने जाते हैं देश विदेश तक के उद्योग पतियों के साथ उनके मधुर संबंध है दक्षिण भारत में कई चीनी मिलों का प्रबंधन संभालते हैं छपरा जिले के ही मशरख प्रखंड के चरिहारा गांव के निवासी हैं अपने मेहनत के दम पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने अपनी पहचान बनाई है।

 

पलायन के पीड़ा के दर्द को उन्होंने खुद सहा है इसलिए जानते हैं कि 10 से 15 हजार की नौकरी के लिए कैसे लाखों बिहारी युवा बाहर के प्रदेशों में दर-दर की ठोकरें खाते हैं सार्थक सोच के साथ तरैया में चीनी मिल लगाने की दिशा में अग्रसर है।गांव गांव में इनके नेतृत्व में बैठकों का आयोजन किया जा रहा है एक माहौल तैयार करने के बाद अब यह पटना से लेकर दिल्ली तक उद्योग विभाग में नए निवेश की संभावनाएं तलाश रहे हैं।

 

निवेशक इनके पास हैं यह चाहते हैं कि तरैया में जहां व्यापक पैमाने पर गन्ना की खेती होती है चीनी मिल लगे और हजारों लोगों को प्रत्यक्ष व लाखों लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से इसका लाभ मिले। इसी क्रम में पटना पहुंचने पर पत्रकारों से बातचीत में संजय कुमार सिंह ने कहा कि उनकी सोच है कि उनके जैसे अगर एक दर्जन लोग भी बिहार में वापस आकर उद्योग धंधे लगाते हैं तो यहां बेरोजगारी की समस्या पर काफी हद तक विराम लगेगा पलायन की पीड़ा रुकेगी लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिलेगा साथ ही साथ कई सारी संभावनाओं का सर्जन होगा।

 

उन्हें विश्वास है कि बिहार के नए उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन उनके प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने में जरूर मदद करेंगे उन्होंने कहा कि सरकार चाहे किसी भी दल की हो लेकिन बिहार के विकास पर सबको मिलकर पहल करनी चाहिए वे सार्थक सोच के साथ तरैया को औद्योगिक हब बनाने के लिए कृत संकल्पित शुरुआती दौर में कई सारे समस्याओं से उन्हें भी दो-चार होना पड़ा हुनरमंद हाथों को काम देने के लिए उन्होंने तरैया में अपना एक स्थाई कार्यालय भी खोल रखा है

 

जहां महीने में जब वह बिहार में होते हैं प्रत्येक रविवार को युवा संवाद का आयोजन किया जाता है युवाओं को हुनरमंद बनने पर बल दिया जाता है जो हुनरमंद युवा है उन्हें कैसे रोजगार दिया जाए इसकी भी संभावनाएं तलाशी जाती है।