शनि देव की कृपा से बनेंगे सारे काम बस हों आये श्री अयोध्या धाम
आइये जाने कैसे करेंगे शनिदेव आप पर अपनी कृपा कैसे बनेंगे आपके बिगड़े काम समाधान है प्रभु श्री राम की परम् पुनीत जन्मभूमि श्रीधाम श्री अयोध्या जी जहाँ पर दर्शन पूजन मात्र से करते हैं शनिदेव अपनी कृपा ।
प्रभू श्री राम के पिता परम पूज्य चक्रवर्ती नरेश माहाराज श्री दशरथ जी के द्वारा निर्मित दशरथकृत शनि स्त्रोत्र से होगा आपका परम् कल्याण शनिदेव करेंगे आप सभी पर कृपा दृष्टि सभी प्रकार से होगी मनोकामना पूरी ।
यदि आप साढ़े साती,ढैय्या अथवा शनिदेव की वक्र दृष्टि से हैं परेशान तो बिना विलम्ब आप करें उपाय श्रीधाम श्री अयोध्या में सात हिरियों में एक पौराणिक स्थल विल्वहरिघाट चक्रवर्ती नरेश पूज्य महाराज श्रीदशरथ के दिव्य समाधि का करें दर्शन पूजन अर्चन आचार्य स्वामी विवेकानन्द जी के निर्देशन में श्रीधाम अयोध्या जी के उत्तम वैदिक वटुकों से उसी परम् पुनीत स्थल पर करें दशरथकृत शनि स्तोत्र का पाठ व अनुष्ठान व करें दर्शन पूजन और पाएं अपने जीवन मे सकारात्मक परिणाम।
ध्यानः-
नीलद्युतिं शूलधरं किरीटिनं गृध्रस्थितं त्रासकरं धनुर्धरम्।
चतुर्भुजं सूर्यसुतं प्रशान्तं वन्दे सदाभीष्टकरं वरेण्यम्।।
।।दशरथकृत शनि स्तोत्र।।
नम: कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठ निभाय च।
नम: कालाग्निरूपाय कृतान्ताय च वै नम: ।।२५।।
नमो निर्मांस देहाय दीर्घश्मश्रुजटाय च ।
नमो विशालनेत्राय शुष्कोदर भयाकृते।।२६
नम: पुष्कलगात्राय स्थूलरोम्णेऽथ वै नम:।
नमो दीर्घाय शुष्काय कालदंष्ट्र नमोऽस्तु ते।।२७
नमस्ते कोटराक्षाय दुर्नरीक्ष्याय वै नम: ।
नमो घोराय रौद्राय भीषणाय कपालिने।।२८
नमस्ते सर्वभक्षाय बलीमुख नमोऽस्तु ते।
सूर्यपुत्र नमस्तेऽस्तु भास्करेऽभयदाय च ।।२९
अधोदृष्टे: नमस्तेऽस्तु संवर्तक नमोऽस्तु ते।
नमो मन्दगते तुभ्यं निस्त्रिंशाय नमोऽस्तुते ।।३०
तपसा दग्ध-देहाय नित्यं योगरताय च ।
नमो नित्यं क्षुधार्ताय अतृप्ताय च वै नम: ।।३१
ज्ञानचक्षुर्नमस्तेऽस्तु कश्यपात्मज-सूनवे ।
तुष्टो ददासि वै राज्यं रुष्टो हरसि तत्क्षणात् ।।३२
देवासुरमनुष्याश्च सिद्ध-विद्याधरोरगा:।
त्वया विलोकिता: सर्वे नाशं यान्ति समूलत:।।३३
प्रसाद कुरु मे सौरे ! वारदो भव भास्करे।
एवं स्तुतस्तदा सौरिर्ग्रहराजो महाबल: ।।३४
एवं स्तुतस्तदा सौरिर्ग्रहराजो महाबलः।
अब्रवीच्च शनिर्वाक्यं हृष्टरोमा च पार्थिवः।।३५
तुष्टोऽहं तव राजेन्द्र ! स्तोत्रेणाऽनेन सुव्रत।
एवं वरं प्रदास्यामि यत्ते मनसि वर्तते।।३६
यदि आप भी श्रीधाम श्री अयोध्या जी विद्वानों से श्री चक्रवर्ती नरेश महाराज श्री दशरथ जी के दिव्य पौराणिक समाधि स्थल पर अनुष्ठान करवाना चाहते हैं तो आप ज्योतिर्विद आचार्य स्वामी विवेकानन्द जी से करें संपर्क। जाने इस परम् पुनीत पौराणिक स्थल की महिमा ।
।।इति शुभम्।।
आचार्य स्वामी विवेकानन्द जी महाराज ज्योतिर्विद ,वास्तुविद
व सरस् श्रीरामकथा व्यास श्री धाम श्री अयोध्या जी
संपर्क सूत्र:-9044741252