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बिहार राज्य गीत के रचयिता, कविवर सत्यनारायण जी का 88वां मनाया गया जन्म दिवस

पटना, 13 सितम्बर

लोकनायक जयप्रकाश नारायण नीत जन आंदोलन के नुक्कड़ कवि, बिहार राज्य गीत के रचयिता, बिहार हिन्दी प्रगति समिति के अध्यक्ष कविवर सत्यनारायण जी का 88वां जन्म दिवस तलित नारायण मिश्र आर्थिक विकास और सामाजिक परिवर्तन संस्थान के बेली रोड, पटना स्थित सभागार में कविवर सत्यनारायण अभिनंदन समारोह समिति के तत्वावधान में समारोहपूर्वक मनाया गया।

समारोह का उद्घाटन पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने दीप प्रज्जवलित कर किया। सांसद शत्रुघ्न सिन्हा मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। श्री सिन्हा ने कहा कि कविवर सत्यनारायण हिन्दी साहित्य और बिहार की धरोहर है उनसे मुझे बहुत कुछ सीखने का अवसर मिला है। उन्होंने कविदर के शतायु जीवन की मंगलकामना की। शत्रुघन सिन्हा कविता के क्षेत्र में कवि सत्यनारायण बिहार हि नहीं बल्कि देश और विदेश में भी सर्वमान्य कवि है।

अपने उद्घाटन भाषण में पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा कि कवि सत्यनारायण सामाजिक सरोकार के साथ-साथ जन चेतना के कवि है जिन्होंने अपनी कविताओं के माध्यम से 1974 के आंदोलन को मजबूरी प्रदान की और मुझे खुशी है कि आ के इस पड़ाव में भी सतत सक्रिय है।

विशिष्ट अतिथि बिहार विधान परिषद के उप सभापति प्रो० (डॉ०) रामचन्द्र पूर्वे ने कवि सत्यनारायण को बिहार गौरव बताया और कहा कि बिहार राज्य गीत देकर उन्होंने बिहार को गौरवान्वित किया है। आनदोलन के कवि सत्यनारायण को गर्मजोशी से भरी कविता हर जनमानस को प्रभावित करती है।

समारोह की अध्यक्षता पूर्व विधान पार्षद डॉ० रामवचन राय ने की। कविता के प्रत्येक विद्या म कवि सत्यनारायण जी की कविता अपने समय की पहचान है, इनकी लेखनी को प्रणाम है।

डॉ० शिव नारायण, पूर्व कुलपति डॉ० अमरनाथ सिन्हा, कमलनयन श्रीवास्तव, विधान पार्षद प्रो० (डॉ०) रामबली सिंह, पूर्व मंत्री नंद किशोर यादव, पूर्व कुलपति प्रो० रास बिहारी सिंह, डॉ० किरण घई सिन्हा, डॉ० आरती कुमारी, डॉ० पंकज कर्ण, बिहार सरकार के पूर्व मंत्री श्याम रजक, निवर्तमान महापौर सीता साहू मधुरेश नारायण, रूबी भूषण, पद्मन्त्री विमल जैन, डॉ० रत्ना पुरकायस्थ, डॉ० राजकुमार नाहर, संजय, संदीप स्नेह, डॉ० मधु वर्मा, कमला प्रसाद, डॉ० भावना शेखर, डॉ० दिवाकर तेजस्वी, नई दिशा परिवार के संस्थापक सचिव राजेश राज, आराधना प्रसाद, नौता सिन्हा सहित अनेक वक्ताओं के कविवर सत्यनारायण के जीवन और रखना संसार पर सविस्तार चर्चा की और उनके शतायु जीवन की कामना की।

समारोह का आरंभ समर्थ नाहर के बिहार राज्य गीत गायन से हुआ। अतिथियों का स्वागत वरिष्ठ साहित्यकार भगवती प्रसाद द्विवेदी ने किया। उन्होंने सत्यनारायण जी के रचनाओं के संबंध में विस्तार से बताया और कहा कि इनकी रचनाएं कालजयी है। कवि सत्यनारायण एक समर्थवान कवि के साथ-साथ संवेदनशील व्यक्ति है। राजधानी पटना की 88 सामाजिक- सांस्कृतिक और साहित्यिक संस्थानों द्वारा कविवर सत्यनारायण को शॉल पौधा, प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। आरंग में मंचस्थ अतिथियों को शॉल व भेंट किया गया।

आभार ज्ञापन समिति के सचिव कमलनयन श्रीवास्तव ने किया। उन्होंने कविवर सत्यनारायण अभिनंदन ग्रंथ प्रकाशित किए जाने तथा उनकी समग्र रचनाओं पर शोध करने वाले शोधार्थी को 21.000 रु का पुरस्कार देने की आवश्यकता बताई। कविवर के ज्येष्ठ पुत्र संजय द्वारा इसे स्वीकार करते हुए वर्ष 2023 तक इसे मूर्त रूप दिए जाने की घोषणा की गई।