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Mann ki Baat: दशहरा, वोकल फॉर लोकल से लेकर जवानों तक का जिक्र

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (25 अक्टूबर) को ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिये देश को संबोधित किया. मन की बात कार्यक्रम का यह 70वां संस्करण है. कोरोना संकट के बीच आगामी त्योहारी सीजन को ध्यान में रखते हुए पीएम मोदी ने लोगों को संयम बरतने की सलाह दी है. पीएम मोदी ने देश को दशहरे की बधाई देते हुए लोगों को त्योहारों के दौर में मर्यादा में रहना है. आगे, और भी कई पर्व आने वाले हैं. अभी ईद है, शरद पूर्णिमा, वाल्मीकि जयंती, धनतेरस, दिवाली, भाई दूज, छठी मैया की पूजा है. गुरुनानक देव जी की जयंती है. इस बार त्योहारों पर स्वदेशी उत्पाद खरीदें. खरीददारी में स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता दें.

प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात कार्यक्रम की शुरुआत में दशहरा की शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा कि दशहरे का ये पर्व, असत्य पर सत्य की जीत का पर्व है, लेकिन साथ ही ये एक तरह से संकटों पर धैर्य की जीत का पर्व भी है. कोरोना संकट के बीच उन्होंने कहा कि पहले, दशहरे पर बड़े-बड़े मेले लगते थे, लेकिन इस बार उनका स्वरुप अलग है. “रामलीला का त्योहार भी, उसका बहुत बड़ा आकर्षण था, लेकिन उसमें भी कुछ-न-कुछ पाबंदियां लगी हैं. पहले, नवरात्र पर, गुजरात के गरबा की गूंज हर तरफ़ छाई रहती थी, इस बार, बड़े-बड़े आयोजन सब बंद हैं.”

जब हम त्योहार की बात करते हैं, तैयारी करते हैं, तो, सबसे पहले मन में यही आता है, कि बाजार कब जाना है? क्या-क्या खरीदारी करनी है?” ख़ासकर, बच्चों में तो इसका विशेष उत्साह रहता है – इस बार, त्योहार पर, नया, क्या मिलने वाला है?” पीएम मोदी ने कहा कि त्योहारों की ये उमंग और बाजार की चमक, एक-दूसरे से जुड़ी हुई है, लेकिन इस बार जब आप खरीदारी करने जायें तो वोकल फॉर लोकल के लिए हमें जागरुक रहना है.  बाजार से सामान खरीदते समय, हमें स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता देनी है.

आज जब हम Local के लिए Vocal हो रहे हैं, तो दुनिया भी हमारे स्थानीय उत्पादों की फैन हो रही है. हमारे कई स्थानीय उत्पादों में वैश्विक होने की बहुत बड़ी शक्ति है. जैसे एक उदाहरण है – खादी का. लम्बे समय तक खादी, सादगी की पहचान रही है, लेकिन, हमारी खादी आज, पर्यावरण अनुकूल फेबरिक के रूप में जानी जा रही है. हमारी खादी आज इको फ्रेंडली फैब्रिक के रूप में जानी जा रही है ये बॉडी फ्रेंडली फैब्रिक भी है. प्रधानमंत्री ने मेक्सिको के शहर ओहाका का जिक्र किया और कहा कि वहां की खादी ओहाका खादी के नाम से प्रसिद्ध है. पीएम ने कहा कि ओहाका का एक युवक मार्क ब्राउन, गांधी जी से इतना प्रभावित हुआ कि वे मेक्सिको में जाकर खादी का काम शुरू करने लगे.

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की जन्म जयंती, 31 अक्टूबर को है. हम सब, ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के तौर पर मनाएंगे. बहुत कम लोग मिलेंगे जिनके व्यक्तित्व में एक साथ कई सारे तत्व मौजूद हों- वैचारिक गहराई, नैतिक साहस, राजनैतिक विलक्षणता, कृषि क्षेत्र का गहरा ज्ञान और राष्ट्रीय एकता के प्रति समर्पण भाव. उन्होंने कहा, “जरा उस लौह-पुरुष की छवि की कल्पना कीजिये जो राजे-रजवाड़ों से बात कर रहे थे, पूज्य बापू के जन-आंदोलन का प्रबंधन कर रहे थे, साथ ही, अंग्रेजों से लड़ाई  भी लड़ रहे थे, और इन सब के बीच भी, उनका सेंस ऑफ ह्यूमर पूरे रंग में होता था.” देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि “31 अक्टूबर को भारत की पूर्व-प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी को हमने खो दिया. मैं आदरपूर्वक उनको श्रद्धांजलि देता हूं.”

कृषि क्षेत्र से युवा भी जुड़ने लगे हैं. कृषि क्षेत्र में नई संभावनाएं पैदा हो रही हैं. कृषि कानूनों से कंपनियों को अच्छा फायदा हो रहा है. नए कृषि कानूनों से कृषि क्षेत्र में नई संभवनाएं पैदा हो रही हैं. पीएम मोदी ने कहा कि हमें यूनिटी और इम्यूनिटी पर फोकस रखना होगा. स्थानीय खाद्य उत्पादों पर फोकस करके हम अपनी इम्यूनिटी के साथ ही यूनिटी को भी बढ़ा सकते हैं. हमें निरंतर अपनी रचनात्मकता से, प्रेम से, हर पल प्रयासपूर्वक अपने छोटे से छोटे कामों में, ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ के खूबसूरत रंगों को सामने लाना है. एकता के नए रंग भरने हैं.

“साथियो, हमें अपने उन जाबाज़ सैनिकों को भी याद रखना है, जो, इन त्योहारों में भी सीमाओं पर डटे हैं. भारत-माता की सेवा और सुरक्षा कर रहें हैं. हमें उनको याद करके ही अपने त्योहार मनाने हैं. हमें घर में एक दीया, भारत माता के इन वीर बेटे-बेटियों के सम्मान में भी जलाना है. मैं, अपने वीर जवानों से भी कहना चाहता हूं कि आप भले ही सीमा पर हैं, लेकिन पूरा देश आपके साथ हैं, आपके लिए कामना कर रहा है.” मैं उन परिवारों के त्याग को भी नमन करता हूं, जिनके बेटे-बेटियाँ आज सरहद पर हैं.

पीएम मोदी मध्य प्रदेश की रहने वाली ऊषा देवी का जिक्र किया है, जिन्हें बच्चे किताबों वाली दीदी कहते हैं. उनके द्वारा शुरू की गई लाइब्रेरी की तारीफ की है. बाराबंकी की सुमन देवी का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि वह खादी मास्क बनाकर स्वदेशी की मुहिम से जुड़ी हुई हैं. धीरे-धीरे उनके साथ अन्य महिलाएँ भी जुड़ती चली गई, अब वे सभी मिलकर हजारों खादी मास्क बना रही हैं.

भारत के कई खेलों का विकास असाधारण विकास हुआ है. भारत का योग, आध्यात्म और मलखंब जैसे खेल विदेशों में प्रसिद्ध हो रहे हैं. भारत में प्राचीन कालीन से ऐसे खेल रहे हैं, जो हमारे मानसिक विकास को एक नए स्तर तक ले जा सकते हैं. मोदी ने देशवासियों से अपील करते हुए कहा कि वह इंटरनेट पर जाकर इसे जरूर देखें.