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केंद्र सरकार के 7 साल और नए भारत की ओर बढ़ता देश

भारत एक कृषि प्रधान देश है, यह बात सत्य है और इसमें कोई दोराय नहीं है। लेकिन, अगर आधुनिक भारत के परिपेक्ष्य में बात की जाए तो भारत डिजिटल इंडिया की ओर तेजी से बढ़ता हुआ देश, स्टार्टअप इंडिया के क्षेत्र में अग्रणी और वसुधैव कुटुंबकम के नारे के उद्घोष के साथ इस महामारी के खिलाफ चल रही जंग में समान रूप से सभी राष्ट्रों की मदद कर रहा है। इस तरफ इस वैश्विक महामारी में जहां कुछ देश वैक्सीन के लिए दूसरे देशों की राह देख रहे हैं, वहीं इसी परिस्थिति में भारत ने वैक्सीन बनाते ही “वैक्सीन मैत्री” के तहत दर्जनों देशों की मदद की। भारत के द्वारा मदद के लिए बढ़ाया गया हाथ निःस्वार्थ भाव से भारत की अनूठी परंपरा “हम सदैव सबके साथ हैं” को दर्शाता है।

आपकी योजना, आपके लिए

हाल ही में केंद्र सरकार के सात साल पूरे हुए हैं और इन सात सालों में देश में बहुत कुछ बदला है। राष्ट्रनिर्माण के लक्ष्य को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने जिस प्रकार से कार्य किया है, वह सराहनीय है। जनधन खातों से लेकर देश के करोड़ों किसानों को किसान सम्मान निधि का लाभ, उज्ज्वला योजना से लेकर देशभर में जन औषधि केंद्रों की स्थापना, ये सब भारत सरकार के द्वारा किये गए अतुलनीय प्रयासों की देन है। इन सात सालों में कश्मीर से लेकर पूर्वोत्तर तक शांति और विकास का कार्य हुआ है। इस दौरान सम्पूर्ण राष्ट्र ने संगठित होकर टीम इंडिया के रूप में कार्य किया है।

साल 2017 में अपने पहले कार्यकाल के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को आश्वासन दिया था कि अगले पांच वर्षों में नए भारत को खड़ा कर देंगे। इस आश्वासन को सिर्फ अकेले प्रधानमंत्री ने नहीं, बल्कि सम्पूर्ण देशवासियों ने मिलकर पूरा किया। यह इसी भरोसे का परिणाम है जो साल 2014 के मुकाबले साल 2019 में भारत की व्यापार सुगमता रैंकिंग 142 से 63वें स्थान पर आई। आयुष्मान योजना से लेकर आत्मनिर्भर भारत स्वस्थ भारत योजना इन्हीं संकल्पों का परिणाम है। इस दौरान देश में युवाओं के सशक्तिकरण को ध्यान में रखते हुए मुद्रा लोन से लेकर स्टार्टअप इको सिस्टम का निर्माण किया गया।

कोरोना महामारी में भी डटकर किया है सामना

साल 2020 के शुरूआत में जब समूचे विश्व में कोरोना की पहली लहर आई, तो केंद्र सरकार के सजग प्रयासों के चलते इसपर काबू पाया गया। इस दौरान वैश्विक स्तर पर बढ़ी हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की मांग को भारत ने समूचे विश्व को उपलब्ध कराने की जिमेदारी ली। यह केंद्र सरकार के ही कठिन प्रयासों का फल था कि जब भारत में दूसरी लहर का प्रकोप बढ़ा, तो पूरा विश्व समर्पण के भाव से भारत की मदद में लग गया। जल्दी से जल्दी अस्पतालों का निर्माण, ऑक्सीजन एक्सप्रेस, रेमडेसिवीर इंजेक्शन की उपलब्धता ये सब सरकार के प्रयासों और कुशल प्रबंधन के कारण संभव हो सका।

पीएम केयर फंड से पीड़ित बच्चों और परिवारों को सहारा, 80 करोड़ से अधिक देशवासियों को खाद्य सुरक्षा और दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरूआत करना केंद्र सरकार की सही समय पर लागू की गईं सहीं नीतियों का ही परिणाम है।

आर्थिक क्षेत्र में आई मजबूती

इन साथ वर्षों में भारत आर्थिक क्षेत्र में भी तीव्र विकास के साथ आगे बढ़ा है। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की बात करें तो साल 2014 में जहाँ ये 189 बिलियन डॉलर था, वहीं 2019 में बढ़कर यह 284 बिलियन डॉलर हो गया। इसके अलावा सरकारी नीलामी और लाइसेंस वितरण में भी काफी पारदर्शिता लाई गई। इन सात वर्षों में भ्रष्टाचार के विरुद्ध संस्थागत पहल की गई। केंद्र सरकार द्वारा लागू डीबीटी(प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण) के जरिये 15.47 लाख करोड़ रूपए की राशि लाभर्थियों के खाते में सीधा भेजी गई।

नारी सशक्तिकरण को मिला बढ़ावा

नारी शक्ति के सशक्तिकरण की बात करें तो देश में बेहतर होता लिंगानुपात इसका सजीव उदाहरण है। महिलाओं के लिए स्किल डेवलेपमेंट सेंटर, कोविड के दौर में आर्थिक मदद, सुकन्या समृद्धि योजना और महिला उद्यमिता को बढ़ावा, ये सब निर्णय देश की सरकार के द्वारा महिलाओं के वर्तमान और भविष्य को ध्यान में रखते हुए लिए गए।

किसानों की समृद्धि का लिया संकल्प

देश के किसान और अधिक समृद्ध हों, इसके लिए पशुपालन-मछली पालन को समर्थन, कई फसलों के एमएसपी में रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी और कृषि सुधार कानून में बदलाव किये गए। इसके अलावा इस दौरान किसानों की आय को दुगुनी करने के लिए भी कई प्रभावी पहल की गईं।

रक्षा क्षेत्र: सशक्त होता भारत

देश के सैन्य बलों का तेजी से आधुनिकीकरण, हाईटेक जेट/टेंकरों, मिसाइलों की भारतीय सेना में उपस्थिति सशक्त भारत के सशक्त रक्षा क्षेत्र को दर्शाती है। इस दौरान अंतरिक्ष-परमाणु ऊर्जा में निजी भागीदारी को भी प्रोत्साहन दिया गया। साथ ही साथ में देश में स्वदेशी निर्मित रक्षा उपकरण निर्माताओं को प्रोत्साहित किया गया। जानकारी के लिए बता दें कि पिछले 5 वर्षों में देशभर में नक्सली हिंसा में 43 फीसदी गिरावट देखने को मिली है।