चुनाव में ‘धांधली’: न्यायिक आयोग बनाने के लिए इमरान पहुंचे सुप्रीम कोर्ट
इस्लामाबाद, 20 मार्च (भारत पोस्ट लाइव) पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक और पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान ने देश में हुए आम चुनावों के तरीके और प्रक्रिया की ‘जांच, ऑडिट और जांच’ की मांग करते हुए बुधवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। 8 फरवरी को ‘मुकदमे’ के लिए न्यायिक आयोग के गठन का अनुरोध किया।
विभिन्न आपराधिक मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद अदियाला जेल में बंद श्री खान ने ‘चुनाव परिणामों में हेरफेर और धोखाधड़ी’ के बाद उनकी पार्टी और अन्य द्वारा लगाए गए धांधली के आरोपों के मद्देनजर याचिका दायर की है।
पीटीआई संस्थापक की ओर से वरिष्ठ वकील हामिद खान द्वारा दायर याचिका में आग्रह किया गया, “शीर्ष अदालत को एक न्यायिक आयोग का गठन करना चाहिए। इस आयोग में सेवारत एससी न्यायाधीशों को शामिल किया जाना चाहिए, जिसमें किसी के प्रति कोई पूर्वाग्रह न हो, जो ‘पूरी प्रक्रिया की जांच, ऑडिट और जांच करें।’ 8 फरवरी, 2024 के आम चुनाव और उसके बाद की घटनाओं में, विजेताओं को हारे हुए और हारने वालों को विजेताओं में बदलने के लिए झूठे और धोखाधड़ी वाले परिणाम संकलित किए गए थे।
श्री खान ने अपनी याचिका में प्रार्थना की कि न्यायिक आयोग की जांच के नतीजे सार्वजनिक होने तक ‘संघीय और पंजाब स्तर पर सरकार बनाने की सभी परिणामी कार्रवाइयों को तुरंत निलंबित कर दिया जाए।’
याचिका में कहा गया, “यह भी प्रार्थना की जाती है कि राष्ट्र के सर्वोत्तम हित में, इसके चुनावी जनादेश और संवैधानिक व्यवस्था की पूर्ति के लिए आवश्यक आदेश, निर्देश और राहत सहित सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं।”
याचिका में सरकार, पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी), पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) सभी को प्रतिवादी नामित किया गया है।
याचिका के मुताबिक, ”आम चुनावों में ‘खुलेआम धांधली’ हुई और उनके नतीजों में ‘हेरफेर’ किया गया। इसमें कहा गया है, “कथित तौर पर निर्वाचित और विधानसभाओं में लौटे लोगों के माध्यम से राज्य के अधिकार का धोखाधड़ी से उपयोग करके जनता के विश्वास का उल्लंघन किया जा रहा है।”
याचिका में कहा गया है कि देश के संविधान ने पाकिस्तान में स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराने के लिए ईसीपी पर भारी जिम्मेदारी डाली है, लेकिन चुनावों में ‘बड़े पैमाने पर धांधली हुई’ और ‘निर्वाचकों द्वारा नियुक्त रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) की मदद से’। “से हेरफेर किया गया।”
याचिका में कहा गया है, “यह संविधान के अनुच्छेद 218, 219 और संबंधित प्रावधानों में निहित अपने कर्तव्यों का पालन करने में विफल रहा है, जिसके परिणामस्वरूप 8 फरवरी, 2024 को प्रतिवादी संख्या द्वारा नियुक्त रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) द्वारा चुनाव कराया गया।” दो और सभी के माध्यम से बड़े पैमाने पर धांधली हुई। “उसी समय, देखभाल करने वाली सरकारें मतदाताओं के साथ इस धोखाधड़ी का हिस्सा थीं।”
गौरतलब है कि पाकिस्तान में आम चुनाव के आयोजन के बाद से कई राजनीतिक दलों के साथ-साथ स्वतंत्र उम्मीदवारों ने पिछले महीने देश भर में हुई मतदान प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं।
कई विरोध प्रदर्शनों और रैलियों का नेतृत्व राजनीतिक दलों और राजनेताओं ने किया, जो परिणामों से संतुष्ट नहीं थे, जिसके परिणामस्वरूप तत्कालीन कार्यवाहक प्रणाली के साथ-साथ चुनावी निकाय की ओर से ‘धांधली’ और ‘हेरफेर’ हुई।
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