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मलयालम के कवि प्रभा वर्मा की कृति ‘रौद्र सात्विकम्’ को 33वां सरस्वती सम्मान

नयी दिल्ली, 18 मार्च (भारत पोस्ट लाइव) मलयालम भाषा के साहित्यकार प्रभा वर्मा की काव्यकृति ‘रौद्र सात्विकम्’ को केके बिरला फाउंडेशन के 33वें सरस्वती सम्मान के लिये चुना गया है। यह घोषणा फाउंडेशन ने सोमवार को की।
के के बिरला फाउंडेशन की एक विज्ञप्ति के अनुसार श्री प्रभा वर्मा की यह पुस्तक 2022 में प्रकाशित हुयी है। वर्ष 1991 से दिये जा रहे, सरस्वती सम्मान के तहत 15 लाख रुपये नकद, प्रशस्ति और प्रतीक चिह्न भेंट किया जाता है।
विज्ञप्ति के अनुसार, न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अर्जन कुमार सीकरी की अध्यक्षता में 13 सदस्यीय निर्णायक मंडल ने विभिन्न भाषाओं की पांच पुस्तकों- आखिरी सवारियां (उर्दू उपन्यास, लेखक सैयद मोहम्मद अशरफ), मित भास समग्र (असमिया काव्य संग्रह, लेखक नगेन साइकिया), पोसरा (संथाली उपन्यास, लेखक गंगाधर हांसदा), रौद्र सात्विकम् (मलयालय काव्य कृति लेखक प्रभा वर्मा) और बनारसी डायरी (गुजराती काव्य कृति लेखक हरीश मीनाश्रु) पर विचार के बाद रौद्र सात्विकम् को 23वां सरस्वती सम्मान देने की स्वीकृति दी। इस पुरस्कार के लिये 2013 से 22 के बीच 22 भारतीय भाषाओं में प्रकाशित विभिन्न पुस्तकों पर प्रत्येक भारतीय समिति के विचार के बाद पांच क्षेत्रीय समितियों द्वारा उपरोक्त पांच पुस्तकों की सूची निर्णायक मंडल के सामने रखी गयी थी।
यह पुरस्कार डॉ हरिवंश राय बच्चन की पुस्तक दशद्वार से सोपान तक (1991), रमाकांत रथ की उड़िया काव्य रचना श्री राधा (1992), विजय तेंदुलकर के कन्यादान (मराठी नाटक) (1993), डॉ एम वीराप्पा मोयिली का श्री रामायण महान्वेषणम (कन्नड़ःमहाकाव्य) (2014), पदमा सचदेव की चित्त- चेते (डोगरीःआत्मकथा) (2015), प्रो. रामदरश मिश्र की मैं तो यहां हूं (हिन्दीः कविता) (2021), सिवसंकरी का सूर्य वंशम (तमिलःसंस्मरण) (2022) सहित अब तक 32 साहित्यिक पुस्तकों के लिये प्रदान किया गया है।
कवि, साहित्यकार, गीतकार वर्मा का जन्म 1959 में ऐतिहासिक पंपा नदी के तट पर बसे तिरुवल नामक कस्बे में हुआ। उन्होंने अंग्रेजी साहित्य में परास्नातक और विधि संबंधि उपाधि प्राप्त की है। वह अंग्रेजी और मलयालम दोनों ही भाषाओं में समान रूप से अधिकार रखने वाले द्विभाषिक साहित्यकार ने इस वर्ष अपने सृजनात्मक लेखन के पचास वर्ष पूरे किए हैं। वह पारंपरिक मीडिया के साथ-सािा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में काम करने वाले मीडियाकर्मी तथा एक सांस्कृतिक कार्यकर्ता के रूप में भी प्रसिद्ध हैं।
वर्तमान में श्री वर्मा केरल के मुख्यमंत्री के मीडिया सचिव के रूप में सेवा दे रहे हैं।
श्रद्धा. मनोहर, उप्रेती
भारत पोस्ट लाइव