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पिछले 10 वर्ष में भाजपा की ‘विफलताओं’ से ध्यान हटाने के लिए सीएए को किया गया अधिसूचित: महबूबा

श्रीनगर, 13 मार्च (भारत पोस्ट लाइव) पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को कहा कि पिछले 10 वर्ष में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ‘विफलताओं’ से ध्यान हटाने के लिए नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को अधिसूचित किया गया है।
सुश्री मुफ्ती ने मुसलमानों से कहा कि वे सीएए का विरोध न करें, बल्कि कानूनी जवाब देने और कानूनी रूप से लड़ने के लिए अपने वोट का इस्तेमाल करें। उन्होंने श्रीनगर में संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, “मैं लोगों, खासकर देश के मुसलमानों से आग्रह करती हूं कि वे भाजपा के जाल में न फंसें।”
पीडीपी अध्यक्ष ने कहा कि सीएए केवल देश के मुसलमानों को निशाना बनाने के लिए है।
उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्ष में भाजपा हर मोर्चे पर विफल रही है और वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश की जा रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “जब हम भाजपा सरकार के पिछले 10 वर्षों को देखते हैं, तो बेरोजगारी के मोर्चे पर विफलताएं मिलती हैं, रोजगार के अभाव में युवा आत्महत्या कर रहे हैं, किसानों की खराब स्थिति और मुद्रास्फीति… वे देश को 1,000 साल पीछे ले जा रहे हैं और ऐसी कोशिशें की जा रही हैं कि हिंदू और मुसलमानों के बीच झड़पें हों तथा लोग सड़क पर आ जायें।”
उन्होंने कहा, “भाजपा सरकार ने मस्जिदों को ध्वस्त कर दिया और हर मस्जिद में मूर्तियों की तलाश की, मदरसों और यहां तक कि उत्तरकाशी सुरंग बचाव में शामिल खनिकों जैसे लोगों के घरों को भी ध्वस्त कर दिया। इसी तरह वे सड़क किनारे नमाज के दौरान मुसलमानों को लात मार रहे हैं और उनका अपमान कर रहे हैं।”
सुश्री मुफ्ती ने कहा, “उन्होंने लगभग हरसंभव कोशिश की। लेकिन जब उन्होंने देखा कि मुसलमान सड़कों पर नहीं आयें, तो उन्होंने अपनी आखिरी चाल चली।” उन्होंने मुसलमानों से आग्रह किया कि वे बहकावे में न आयें और सड़कों पर निकलने की भी जरूरत नहीं है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वरिष्ठ मुस्लिम नेताओं ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है जो उत्साहवर्धक है। उन्हाेंने कहा,“पिछले कुछ समय से अदालत के फैसले लोगों के पक्ष में रहे हैं। यह आपके वोट के माध्यम से जवाब देने का समय है ताकि कल आप किसी भी कानून के खिलाफ अपनी आवाज उठा सकें।”
पीडीपी प्रमुख ने सरकार से गांवों के माध्यम से रेलवे लाइन की योजना बनाने से पहले पर्यावरण विशेषज्ञों को शामिल करने का भी आग्रह किया। रेलवे परियोजना के लिए भूमि के प्रस्तावित अधिग्रहण को लेकर दक्षिण कश्मीर में विरोध प्रदर्शन के बारे में प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, “उत्तराखंड से सीखने की जरूरत है जहां सड़कें बनाने के लिए पेड़ काटे गये थे… कश्मीर उत्तराखंड से अधिक नाजुक है। आपको आंख मूंदकर रेलवे लाइनें नहीं बनानी चाहिए या उनका विस्तार नहीं करना चाहिए।”
सुश्री मुफ्ती ने कहा, “कश्मीर के पारिस्थितिक प्रभाव को ध्यान में रखे बिना उसके बीच से रेलवे लाइनों का निर्माण गंभीर परिणामों से भरा होगा। इस मामले में प्रस्तावित रेलवे लाइन के लिए शोपियां में सेब के बगीचों की कटाई की आवश्यकता होगी। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा जी से ऐसे बड़े फैसले लेने से पहले पर्यावरण विशेषज्ञों के एक पैनल को शामिल करने का अनुरोध है।”
यामिनी,आशा
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