विश्व के सबसे बड़े साहित्योत्सव की शुरुआत
नयी दिल्ली 11 मार्च (भारत पोस्ट लाइव) राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोमवार को विश्व के सबसे बड़े साहित्योत्सव की शुरुआत की गयी, जिसमें 175 से अधिक भाषाओं के 1100 से ज्यादा लेखक और विद्वान हिस्सा लेंगे।
केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल ने सप्ताह भर तक चलने वाले इस साहित्योत्सव का उद्घाटन करते हुए कहा कि साहित्य लेखन एक अलग ही कला है और साहित्यकार एक साधक होता है। साधक साहित्यकार ही एक बेहतर संस्कृति का, एक बेहतर समाज का और एक बेहतर देश का निर्माण करते हैं। उन्होंने मैथिलीशरण गुप्त और अन्य कवियों की पंक्तियों का उदाहरण देते हुए कहा कि साहित्य मनुष्य में विवेक पैदा करता है, जिसकी राष्ट्र-निर्माण में बड़ी भूमिका होती है।
साहित्य अकादेमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने साहित्य अकादेमी की विगत वर्ष की उपलब्धि का उल्लेख करते हुए कहा कि यह साहित्य अकादेमी का 70वां वर्ष और साहित्योत्सव का 40वां वर्ष हैं। सही मामलों में यह भारतीय भाषाओं का उत्सव है।
श्री मेघवाल ने दीप प्रज्वलित कर साहित्य अकादेमी प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इस वार्षिक प्रदर्शिनी में चित्रों तथा लेखों के विवरण से विगत वर्ष की उपलब्धियों को प्रदर्शित किया गया था।
साहित्योत्सव में 190 से अधिक सत्र आयोजित किये जाएंगे। विभिन्न कार्यक्रमों में बहुभाषी कहानी-पाठ, पूर्वोत्तर, उत्तर-पूर्वी लेखक सम्मिलन, बहुभाषी कविता-पाठ, युवा साहिति और एलजीबीटीक्यू लेखक सम्मिलन के अतिरिक्त भारत का भक्ति साहित्य, सांस्कृतिक अभिव्यक्ति के माध्यम के रूप में रंगमंच, वैचारिकता और साहित्य, भारत में बाल साहित्य के अनुवाद से संबंधित मुद्दे, साहित्य एवं स्त्री सशक्तीकरण, तकनीकी और साहित्य आदि विषयों पर चर्चा होगी। साहित्य अकादेमी के महत्तर सदस्यों का अभिनंदन भी किया जाएगा।
सत्या, यामिनी
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