महंगाई आंकड़ों पर रहेगी बाजार की नजर
मुंबई 10 मार्च (भारत पोस्ट लाइव) विश्व बाजार के मिलेजुले रुख के बीच स्थानीय स्तर पर हुई दमदार लिवाली की बदौलत बीते सप्ताह आधे प्रतिशत से अधिक की बढ़त पर रहे घरेलू शेयर बाजार की अगले सप्ताह भारत, अमेरिका और चीन के जारी होने वाले महंगाई आंकड़ों पर नजर रहेगी।
बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक 374.54 अंक अर्थात 0.51 प्रतिशत की छलांग लगाकर सप्ताहांत पर 74119.89 अंक हो गया। साथ ही नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 154.8 अंक यानी 0.69 प्रतिशत की तेजी के साथ 22493.55 अंक पर रहा।
समीक्षाधीन सप्ताह में दिग्गज कंपनियों की तरह मझौली कंपनियों में तो लिवाली हुई लेकिन छोटी कंपनियां बिकवाली के दबाव में रही। इससे बीएसई का मिडकैप 156.36 अंक यानी 0.4 प्रतिशत चढ़कर सप्ताहांत पर 39852.85 अंक पर पहुंच गया जबकि स्मॉलकैप 878.89 अंक यानी 1.9 प्रतिशत की गिरावट लेकर 44653.57 अंक पर रहा।
विश्लेषकों के अनुसार, बीते सप्ताह वैश्विक बाजार से मिलेजुले संकेतों के बीच घरेलू बाजार में सीमित दायरे में कारोबार हुआ लेकिन समापन सकारात्मक रुख के साथ हुआ। फेड की ओर से दर में कटौती की उम्मीद और बांड पैदावार में गिरावट ने तर्कसंगत निवेशकों को इक्विटी की ओर रुख करने के लिए प्रेरित किया, जिससे बाजार को बल मिला। एक बेहतर आर्थिक आख्यान ने बैंकिंग शेयरों का समर्थन किया जबकि वैश्विक बाजार में अनिश्चितताओं के कारण आईटी क्षेत्र में गिरावट आई।
वहीं, फेम II योजना के विस्तार और यात्री वाहनों की उच्च मांग के पूर्वानुमान के कारण ऑटो शेयरों में भारी खरीददारी हुई। चालू वित्त वर्ष के लिए उम्मीद से अधिक तेज आर्थिक वृद्धि ने धातु और कैपिटल गुड्स समूह के शेयरों के लिए निवेश धारणा को बढ़ावा दिया, जिससे संबंधित क्षेत्र के सूचकांकों में तेजी आई। हालांकि उच्च मूल्यांकन के कारण स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों में सुधार हुआ, जिससे मुनाफावसूली हुई और लार्जकैप शेयरों की मांग बढ़ गई।
यूरोपीय केंद्रीय बैंक (ईसीबी) ने ब्याज दर को यथावत रखा है। साथ ही वह महंगाई नियंत्रण की पुष्टि करने वाले अन्य प्रमाणों की प्रतीक्षा करेगा। अगले सप्ताह अमेरिकी पेरोल डेटा के साथ ही अमेरिका, चीन और भारत के महंगाई आंकड़े जारी होने वाले हैं। इससे निवेशकों को वैश्विक आर्थिक दृष्टिकोण के बारे में जानकारी मिलेगी। उन्होंने कहा, “हमें उम्मीद है कि उच्च मूल्यांकन और आगामी नीति दर मार्गदर्शन जारी होने के कारण अगले सप्ताह बाजार में अस्थिरता बनी रहेगी।
बीते सप्ताह शुक्रवार को महाशिवरात्रि के अवसर पर अवकाश रहने से बजार में चार दिन कारोबार हुआ, जिनमें से एक दिन गिरावट जबकि तीन दिन तेजी का रुख रहा। ब्याज दर में इस वर्ष के अंत में कटौती शुरू होने की उम्मीद में विश्व बाजार के सकारात्मक रुझान के बीच स्थानीय स्तर पर ऊर्जा, यूटिलिटीज, तेल एवं गैस और पावर समेत दस समूहों में हुई लिवाली की बदौलत सोमवार को सेंसेक्स 66.14 अंक चढ़कर 73,872.29 अंक और निफ्टी 27.20 अंक की बढ़त लेकर 22,405.60 अंक हो गया।
वहीं, चीनी संसद के वार्षिक सत्र की शुरूआत में किसी बड़ी प्रोत्साहन योजना की घोषणा नहीं होने से विश्व बाजार में आई गिरावट से निराश निवेशकों की स्थानीय स्तर पर एफएमसीजी, आईटी और टेक समेत दस समूहों में हुई बिकवाली के दबाव में मंगलवार को सेंसेक्स 195.16 अंक की गिरावट लेकर 73,677.13 अंक और निफ्टी 49.30 अंक टूटकर 22,356.30 अंक रह गया।
फेड रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल के अमेरिकी संसद में होने वाले वक्तव्य से पहले विश्व बाजार के मिलेजुले रुख के बीच स्थानीय स्तर पर बैंकिंग, आईटी और टेक समेत आठ समूहों में हुई लिवाली की बदौलत बुधवार को सेंसेक्स 408.86 अंक की छलांग लगाकर पहली बार 74 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर के पार 74,085.99 अंक और निफ्टी 117.75 अंक उछलकर नये रिकॉर्ड स्तर 22,474.05 अंक पर रहा।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल के इस वर्ष ब्याज दर में कटौती किए जाने के आश्वासन से विश्व बाजार में आई गिरावट के बावजूद स्थानीय स्तर पर कमोडिटीज, एफएमसीजी, कैपिटल गुड्स और धातु समेत पंद्रह समूहों में हुई लिवाली से गुरुवार को सेंसेक्स 33.40 अंक की बढ़त लेकर 74,119.39 अंक और निफ्टी 19.50 अंक बढ़कर 22,493.55 अंक के नए रिकॉर्ड स्तर पर रहा।
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