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महिलाओं की सुरक्षा में तैनात मार्शल भाजपा की गंदी राजनीति के कारण प्रदर्शन को मजबूर: केजरीवाल

नयी दिल्ली, 29 फरवरी (वार्ता) दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि महिलाओं की सुरक्षा में तैनात मार्शल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की गंदी राजनीति के चलते सड़कों पर प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हैं।
श्री केजरीवाल ने विधानसभा में बजट सत्र के दौरान गुरुवार को ‘‘आप’’ विधायक दिलीप पांडे की ओर से सिविल डिफेंस वालेंटियर्स की नौकरी बहाली की मांग को लेकर सदन में पेश किए गए संकल्प पत्र पर कहा, “ 2015 में हमारी सरकार बनी थी। सरकार में हम इस वादे के साथ आए थे कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर हम से जो बन पड़ेगा, वो हम करेंगे। दिल्ली पुलिस जनता की सुरक्षा के लिए सीधे-सीधे जिम्मेदार है, जो दिल्ली सरकार के पास नहीं है। हमारे दायरे में जो कुछ आता था, हमने वो किया। हमने दिल्ली में बहुत सारे सीसीटीवी कैमरे लगाए। आज न्यूयार्क, फ्रांस, टोक्यो, पेरिस, लंदन समेत पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा सीसीटीवी दिल्ली के अंदर लगे है। सभी डॉर्क स्पॉट पर हमने स्ट्रीट लाइट लगवाई। इसी दिशा में हमने बसों में मार्शलों की नियुक्ति की। बसों में सीसीटीवी कैमरे, पैनिक बटन के साथ-साथ मार्शलों की नियु्क्ति भी की गई।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि बस मार्शल योजना अच्छी चल रही थी और अचानक इसे एक नवंबर 2023 से बंद कर दिया गया। यह योजना 2015 से 2022 तक करीब आठ साल चली। इसमें तीन विभाग परिवहन, राजस्व और वित्त शामिल हैं। परिवहन विभाग राजस्व विभाग को लिखता है कि उसे कितन बस मार्शल चाहिए। इसके आधार पर राजस्व विभाग भर्तियां निकालकर सिविल डिफेंस वॉलिंटियर्स (सीडीवी) की भर्ती करता है और वित्त विभाग उनकी सैलरी का भुगतान करता है। साल 2015 से 2022 तक करीब आठ साल तक ये तीनों विभाग शांति से काम कर रहे थे लेकिन साल 2023 की शुरुआत से अचानक तीनों विभागों का रुख बदल गया। अधिकारियों ने फाइलों पर लिखना शुरू कर दिया कि सीडीवी का यह काम नहीं है। इससे पहले आठ साल तक उनका काम था, लेकिन अचानक तीनों विभागों ने कहा कि उनका काम नहीं है।
उन्होंने कहा कि ऐसा कैसे हो सकता है कि जो अधिकारी इस योजना पर सही से काम कर रहे थे और एक दिन अचानक उन अधिकारियों को सपना आता है और उनको सिविल डिफेंस एक्ट दिखाई देता है। ये लोग जनता को बेवकूफ बना रहे हैं लेकिन पूरी दुनिया बेवकूफ नहीं है। इन अफसरों को बुला-बुलाकर धमका कर बस मार्शल स्कीम बंद कराई गई। क्योंकि यह योजना बसों में सफर कर रही महिलाओं में बहुत प्रसिद्ध थी।
श्री केजरीवाल ने कहा कि अगर सीसीटीवी कैमरे से ही सुरक्षा हो सकती है तो राजनिवास के चारों तरफ सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं, दीवारों पर पैनिक बटन भी लगा देते हैं और आपकी सुरक्षा हटा देते हैं। पूरी दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे लगा दिए हैं, बिजली के खंभों पर पैनिक बटन भी लगा देते हैं, फिर दिल्ली पुलिस की क्या जरूरत है। किसी भी समाज की सुरक्षा के लिए विभिन्न स्तरों की सुरक्षा होती है। बसों में सीसीटीवी, पैनिक बटन और बस मार्शल को मिलाकर त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। उपराज्यपाल ने मार्शलों को नहीं हटाने का आश्वासन दिया था, इसके बाद भी उन्होंने फाइल पर आदेश कर दिया कि बस मार्शलों को हटा दिया जाए।
उन्होंने उपराज्यपाल से आग्रह करते हुए कहा कि जब तक नए लोगों की बहाली नहीं हो जाती है, तब तक सीवीडी को जारी रखा जाए। दूसरा कि, जब नए लोगों की बहाली होगी तो इन्हीं लोगों को बतौर होमगार्ड नियुक्त कर दिया जाए।
उन्होंने कहा कि उन्हें कल उपराज्यपाल से एक पत्र मिला, जो कि बिल्कुल निंदनीय है। इस पत्र में जिस भाषा का प्रयोग किया गया है, वह अत्यंत भद्दी और आपत्तिजनक है।
आज़ाद, यामिनी
वार्ता