पहली बार 11 टैंकरों में 225 टन ऑक्सीजन लेकर दिल्ली पहुंची ‘ऑक्सीजन एक्सप्रेस’
देश में कोरोना के संक्रमण को रोकने और मरीजों तक निर्बाध ऑक्सीजन की सप्लाई पहुंचाने के लिए लगातार बड़े स्तर पर कदम उठाए जा रहे हैं। इसी क्रम में भारतीय रेलवे की ‘ऑक्सीजन एक्सप्रेस’ ट्रेन सोमवार को 11 क्रायोजेनिक टैंकरों में 225 मीट्रिक टन तरल चिकित्सा ऑक्सीजन (एलएमओ) के साथ दिल्ली कैंट स्टेशन पर पहुंच गई। यह भारतीय रेलवे की अब तक की सबसे बड़ी ऑक्सीजन खेप है। रेलवे ने अब तक की सबसे ज्यादा ऑक्सीजन की ढुलाई करने वाली इस ट्रेन को गुजरात के हापा से रविवार को रवाना किया था।
अब तक 4 से 6 टैंकरों में लाई जा रही थी ऑक्सीजन
रेलवे अभी तक ‘ऑक्सीजन एक्सप्रेस’ ट्रेनों में 4 से 6 टैंकरों का ही इस्तेमाल कर रहा था। ऑक्सीजन ढुलाई में इस्तेमाल हो रहे क्रायोजेनिक टैंकरों की क्षमता लगभग 20 टन की है। रेलवे इसके अलावा राज्यों द्वारा मुहैया कराये गये 15 से 16 टन क्षमता वाले टैंकरों से भी ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रहा है। बता दें, 27 अप्रैल को पहली ‘ऑक्सीजन एक्सप्रेस’ छत्तीसगढ़ के रायगढ़ से 70 टन ऑक्सीजन लेकर दिल्ली पहुंची थी।
वहीं, राजधानी दिल्ली में चौथे सप्ताह भी लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अगले सोमवार सुबह पांच बजे तक कड़े प्रतिबंध की घोषणा की। एहतियाती उपायों के बीच मेट्रो सेवा पूर्ण रूप से बंद कर दी गई है और सार्वजनिक स्थानों, बैंक्वेट हॉल या होटलों में विवाह समारोहों की अनुमति नहीं होगी।
देश में अधिकतर राज्यों में लॉकडाउन या कर्फ्यू
संक्रमण की तीव्रता के कारण ही देश में लगभग तीन चौथाई से भी अधिक राज्यों में लॉकडाउन या कर्फ्यू लगा हुआ है। जिन राज्यों ने संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा नहीं की है, वहां भी परिचालन को लेकर सख्त दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। ऐसे समय में जब केन्द्र और राज्य सरकार टीकाकरण अभियान और कोविड प्रबंधन जैसे उपायों में जुटी हुई हैं, उसी दौरान लॉकडाउन की अवधि में उन्हें स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचों को और सुदृढ़ करने का आवश्यक अवसर भी प्रदान किया। इसी बीच केन्द्र और राज्य सरकारों के सख्त समयबद्ध और परस्पर तालमेल से लिए गए फैसलों की वजह से कोरोना से ठीक होने वालों मरीजों की संख्या में काफी सुधार देखा जा रहा है। दिल्ली के साथ-साथ राष्ट्रव्यापी परिदृश्य में भी मृत्यु दर में भी काफी सुधार दर्ज किया जा रहा है।