१४ मई को है अक्षय तृतीया, जानिये पूजन विधि
अक्षय तृतीया के दिन जो भी दान किया जाता है उसका पुण्य कई गुना बढ़ा जाता है। इस दिन अच्छे मन से घी, शक्कर, अनाज, फल-सब्जी, इमली, कपड़े और सोने-चांदी का दान करना चाहिए। कई लोग इस दिन इलेक्ट्रॉनिक सामान जैसे कि पंखे और कूलर का दान भी करते हैं।
हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया का बड़ा महत्व है। इस दिन सोना खरीदने की प्रथा है। माना जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन सौभाग्य और शुभ फल की प्राप्ति होती है। इस दिन जो भी काम किया जाता है उसका परिणाम शुभ होता है। इस बार अक्षय तृतीया १४ मई को मनाई जा रही है।
अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त :-
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इस मुहूर्त में सोना खरीदना बहुत शुभ माना जाता है।
अक्षय तृतीया की पूजन विधि :-
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०१. अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करना शुभ माना जाता है।
०२. कुछ लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं।
०३. सुबह उठकर स्नान करने के बाद पीले कपड़े पहनते हैं।
०४. विष्णु जी को गंगाजल से नहलाकर, उन्हें पीले फूलों की माला चढ़ाई जाती है।
०५. इसी के साथ गरीबों को भोजन कराना और दान देना शुभ माना जाता है।
०६. खेती करने वाले लोग इस दिन भगवान को इमली चढ़ाते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से साल भर अच्छी फसल होती है।
क्या दान करें :-
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मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन जो भी दान किया जाता है उसका पुण्य कई गुना बढ़ा जाता है। इस दिन अच्छे मन से घी, शक्कर, अनाज, फल-सब्जी, इमली, कपड़े और सोने-चांदी का दान करना चाहिए। कई लोग इस दिन इलेक्ट्रॉनिक सामान जैसे कि पंखे और कूलर का दान भी करते हैं।
अक्षय तृतीया का महत्व :-
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यह पर्व भगवान विष्णु को समर्पित होता है। मान्यता है कि इस दिन विष्णु जी के अवतार परशुराम का धरती पर जन्म हुआ था। इसी वजह से अक्षय तृतीया को परशुराम के जन्मदिवस के रूप में भी मनाया जाता है। इसके अलावा अक्षय तृतीया को लेकर एक और मान्यता है कि इस दिन गंगा नदी स्वर्ग से धरती पर आईं थीं। इसी के साथ अक्षय तृतीया का दिन रसोई और भोजन की देवी अन्नपूर्णा का जन्मदिन भी माना जाता है। अक्षय तृतीया के दिन शादी से लेकर पूजा तक, सभी करना शुभ माने जाते हैं।
स्वामी विवेकानन्द जी
श्री धाम श्री अयोध्या।